सरायकेला-खरसावां.
जिले में इस वर्ष मई माह में सामान्य से तीन गुना अधिक बारिश दर्ज की गयी है. मई में जिले का सामान्य वर्षापात 33.7 एमएम है. इस वर्ष मई माह में जिला में औसत 100.6 मिलीमीटर वर्षापात का रिकाॅर्ड दर्ज किया गया है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सबसे अधिक बारिश कुचाई प्रखंड में 192.6 एमएम दर्ज हुई है. जबकि सबसे कम कुकड़ू प्रखंड में 59.6 एमएम बारिश हुई है.रोहिणी नक्षत्र में शुरू होती है धान की बुआई
जिले के किसान अक्षय तृतीया से खेती कार्य में जुट गये हैं. जिले में खरीफ की खेती बारिश पर निर्भर है. यहां सिंचाई व्यवस्था की कमी है. मई माह में हुई बारिश के बाद से किसान अपने खेतों को तैयार करने में जुट गये हैं. कहीं-कहीं निचली जमीन में बुआई शुरू हो गयी है. अधिकतर क्षेत्रों में रोहिणी नक्षत्र में ही धान की बुआई शुरू हो जाती है.
इस साल एक लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य
है
विभाग ने जिले में एक लाख हेक्टेयर भू-भाग में धान की खेती करने का लक्ष्य रखा है. किसानों को उम्मीद है कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी. बारिश से धान की उपज भी बढ़ेगी. किसानों का कहा कि बारिश की यही रफ्तार रही, तो इस वर्ष उपज सोलह आना प्राप्त होगा. खरीफ की खेती, जैसे मक्का, तिलहन, दलहन की पैदावार भी अच्छी होगी.
राजनगर प्रखंड का वर्षामापी यंत्र एक साल से
खराब
राजनगर प्रखंड का वर्षामापी यंत्र एक वर्ष से खराब है. वज्रपात से वर्षामापी यंत्र दो अप्रैल 2024 से खराब पड़ा है. बीडीओ को सूचना देने के बाद भी यह ठीक नहीं कराया जा सका है.
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