खरसावां.
खरसावां के सिमला गांव के 180 घरों तक नल से पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि सिमला गांव में दो साल पहले तीन सोलर संचालित जलमीनार लगायी गयी थी. करीब एक साल तक नियमित रूप से पानी मिला. इसके बाद एक-एक कर जलापूर्ति योजनाएं बंद हो गयीं. एक जलापूर्ति योजनाओं में तकनीकी खराबी आने से जलापूर्ति बाधित है. दूसरी जलापूर्ति योजना की जलमीनार के ऊपर लगाये गये सोलर प्लेट उखड़ जाने से जलापूर्ति ठप हो गयी है. जबकि तीसरी जलापूर्ति योजना के प्लास्टिक की टंकी में छेद होने से पानी का भंडारण नहीं हो पा रहा है. सोलर संचालित जलमीनार से घरेलू जलापूर्ति नहीं हो पा रही है.चापाकल व कुआं से बुझ रही प्यास
सोलर संचालित जलापूर्ति योजनाओं से घरेलू जलापूर्ति ठप होने के बाद अब ग्रामीणों की प्यास दो चापाकल व कुआं से बुझ रही है. पिछले चार माह से हर दिन लोग पानी के लिए मशक्कत कर रहे हैं. गांव के दो चापाकल के पानी से लोगों की प्यास बुझ रही है. महिलाओं को चापाकल में पानी भरने के लिए हर दिन लाइन लगानी पड़ती है. गांव में पूर्व में लगे चार में से दो चापाकल खराब हैं.पेयजल समस्या का समाधान हो
सिमला के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से पेयजल समस्या के समाधान की मांग की है. सिमला गांव के ग्राम प्रधान प्रवीर सिंहदेव समेत गांव के केतन कैवर्त, गुरुचरण माहली, वीरसिंह जोंको, गांधी महतो, संतोष कैवर्त, विनय महतो, संतोष पुथाल, भीम महतो, उर्द्धव महतो, शकुंतला नायक, सुभाषिनी महतो, झुरी महतो, बिनोदिनी महतो, मीरा नायक ने खराब पड़ी जलमीनारों की मरम्मत कराने की मांग की है.
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