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seraikela kharsawan news: ₹7500 की उम्मीद में भटकती रहीं महिलाएं, योजना की राशि न मिलने से बढ़ी नाराजगी

मंईयां सम्मान योजना की राशि न मिलने से महिलाएं परेशान, ब्लॉक व बैंक के चक्कर लगाने को विवश

खरसावां

. मंईयां सम्मान योजना की तीन किस्तें (₹7500) एक साथ मिलने से खरसावां प्रखंड की कई महिलाओं के चेहरे खिल उठे. लेकिन बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन्हें अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. वे चिंतित और निराश होकर पैसे न आने की वजह जानने और समाधान पाने के लिए ब्लॉक और बैंक के चक्कर काट रही हैं.

हर दिन 100 महिलाएं पहुंच रहीं प्रखंड कार्यालय व बैंक

हर दिन 100 से अधिक महिलाएं प्रखंड कार्यालय और बैंक शाखाओं में पहुंचकर राशि क्रेडिट न होने की जानकारी ले रही हैं. कार्यालय खुलते ही लाभार्थी महिलाएं अपने आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट की जांच कराने पहुंच रही हैं. इनमें से कई महिलाओं को पहले इस योजना का लाभ मिल चुका है, लेकिन इस बार खाते में पैसे न आने से वे नाराज हैं.

क्यों नहीं आ रही है राशि?

होली के बाद से प्रखंड कार्यालय में महिलाओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं. कई महिलाएं दूर-दराज के गांवों से कठिनाइयों का सामना करते हुए मुख्यालय और बैंक पहुंच रही हैं. हफ्तों बीत जाने के बावजूद राशि न मिलने से वे परेशान हैं.

भीड़ को देखते हुए अलग काउंटर बनाये गये

भीड़ को देखते हुए अधिकारियों ने अलग काउंटर बनाए हैं, जहां कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर खातों की जांच कर रहे हैं. कई मामलों में पाया गया कि बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं, जिन्हें जल्द लिंक कराने की सलाह दी जा रही है. लेकिन कुछ मामलों में सब कुछ सही होने के बावजूद भी राशि क्रेडिट नहीं हो पायी है. ऐसी महिलाओं को केवल सबर रखने की सलाह दी जा रही है.

महिलाएं बोलीं

“पहले पांच बार मेरे खाते में मंईयां सम्मान योजना की राशि आयी, लेकिन इस बार नहीं मिली. यही पता करने आयी हूं” . – मुनु जेना, टुनियाबाड़ी

“मेरा बैंक खाता आधार से लिंक है, केवाइसी भी पूरा है, फिर भी राशि नहीं आयी. कंप्यूटर ऑपरेटर भी कारण नहीं बता पा रहे”. – सीमा दास, टिडींगटीपा

“सितंबर में आवेदन किया था, लेकिन एक भी बार पैसे नहीं मिला. यहां आकर पता चला कि मेरा आवेदन स्वीकृत ही नहीं हुआ”. – सुभद्रा महतो, बंदिराम

“गांव की अन्य महिलाओं के खाते में ₹7500 क्रेडिट हुआ, लेकिन मेरे खाते में नहीं आया. कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बताया जा रहा”. – दुलगी बारिक, खरसावां

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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