चक्रधरपुर.
तीन सौ साल पुराना ऐतिहासिक केरा मेला का शुभारंभ शुभ घट के साथ 11 अप्रैल से शुरू हो गया है. मां केरा की अराधना में श्रद्धालु लीन हो गये हैं. विधि व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर केरा मंदिर संचालन समिति अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन कर रही है. केरा मंदिर में मां भगवती के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है. मेला में आने वाले लोगों के लिए कई तरह के झूले लगाये गये हैं. मेला परिसर में बिजली झूला, टोरा टोरा, मौत का कुआं, ब्रेक डांस झूला लगाया जा रहा है. मेला में मौत का कुआं आकर्षण का केंद्र रहेगा.300 से अधिक दुकानें लगेंगी
मेला में मिठाई, खिलौना, प्रसाद आदि के करीब 300 से अधिक दुकानें सज रही हैं. 13 अप्रैल से मां भगवती मंदिर में जलाभिषेक होगा. महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग बैरिकेडिंग की जा रही है. इसी दिन छऊ नृत्य का आयोजन होगा, जो रात भर चलेगा. 14 अप्रैल को कालिका घट का आगमन होगा. श्रद्धालु कांटों पर लेटकर और आग पर नंगे पांव चलकर हठभक्ति दिखायेंगे. केरा मेला को सिंहभूम का सबसे बड़ा मेला कहा जाता है. 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. केरा मेला संचालन समिति द्वारा मेला परिसर में नियंत्रण कक्ष से मेला पर निगरानी रखेगी. विधि व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस तैनात रहेगी. मेडिकल टीम मौजूद रहेगी.श्रद्धालु मां भगवती का आशीर्वाद लें : कामाख्या साहु
केरा मेला संचालन समिति के संरक्षक कामाख्या साहु ने कहा कि मेला में आने वाले भक्त मां भगवती का दर्शन कर आशीर्वाद लें. मेले का आनंद लें. मेला में भक्तों के लिए विशेष इंतजाम किया जा रहा है. मेला में कई प्रकार के झूले लगाये गये हैं.भक्तों को परेशानी न हो, इसका ख्याल रखा जायेगा : अभिजीत
केरा मेला संचालन समिति के अध्यक्ष अभिजीत भट्टाचार्य ने कहा कि मेला में भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जायेगा. महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाये गये हैं. इसके लिए बैरिकेडिंग की जा रही है. सुरक्षा को लेकर समिति की ओर से पुख्ता इंतजाम किये जारहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है