चक्रधरपुर. साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को देखते हुए मंगलवार को चक्रधरपुर के आसतनलिया स्थित मधुसूदन पब्लिक स्कूल (एमपीएस) में ‘साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन’ अभियान चलाया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षक- शिक्षिकाओं को इंटरनेट की दुनिया में सुरक्षित और जागरूक रहने के लिए प्रेरित करना रहा. कार्यक्रम में वक्ताओं ने विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा से जुड़ीं महत्वपूर्ण जानकारियां दीं. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर अपनी गोपनीयता कैसे रखें, मजबूत पासवर्ड का उपयोग, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और संदिग्ध लिंक से दूरी बनाये रखना हमें साइबर अपराध से बचा सकता है.
कार्यक्रम में चक्रधरपुर (पोड़ाहाट) के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) शिवम प्रकाश, चाईबासा से आये प्रशिक्षु आइपीएस निखिल राय, चक्रधरपुर थाना प्रभारी राजीव रंजन, महिला थाना प्रभारी शशिबाला भेंगरा, एमपीएस के निदेशक बलराज हिंदवार, प्रभात खबर जमशेदपुर संस्करण के वरीय संपादक संजय मिश्र और जमशेदपुर के यूनिट हेड पिनाकी गुप्ता मौजूद रहे. अतिथियों ने साइबर अपराध पर विस्तार से बात करते हुए स्कूल के बच्चों को साइबर क्राइम के तरीके और उससे बचाव के उपाय बताये. विद्यार्थियों ने साइबर एक्सपर्ट से कई सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया. विद्यालय के शिक्षक केएल नारायणा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान से हुआ.निश्चिंत हो लें कि लिंक, ईमेल या एप सही हैं, तभी क्लिक करें या डिटेल शेयर करें : एसडीपीओ
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिवम प्रकाश ने कहा कि बचपन में हम जिस क्षेत्र में कमजोर रहते थे. हमारी मुश्किलें माता-पिता आसान करते थे. वैसे ही अब हमें अपने अभिभावकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. दरअसल, सोशल मीडिया में आज हमारे अभिभावक कमजोर हैं. अब हम उन्हें मजबूत बनायेंगे. मैं देवघर में थाना प्रभारी था, तब तीन महीने में 350 साइबर अपराधियों को पकड़ा था. देवघर साइबर क्राइम का सबसे बड़े क्षेत्र में शामिल है. श्री प्रकाश ने कई सच्ची घटनाएं सुनाकर सजग किया. उन्होंने कहा कि पहले निश्चिंत हो लें कि आपके पास आये लिंक, ईमेल या एप सही हैं, तब ही क्लिक करें या अपना डिटेल शेयर करें.साइबर क्राइम का शिकार होते ही, चार बिंदुओं पर काम करें
एसडीपीओ ने कहा कि यदि साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं, तो चार बिंदुओं पर काम करें. सबसे पहले बिना समय गंवाये सरकारी वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज करायें. फिर 1930 नम्बर पर कॉल कर शिकायत करें. अपने बैंक को सूचित करें और अंत में अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचना दें. रोड सेफ्टी का ध्यान रखें, फैशन व स्टंट के चक्कर में जान न गंवायेंश्री प्रकाश ने कहा कि स्कूली बच्चे रोड सेफ्टी (सड़क सुरक्षा) का पूरा ध्यान रखें. 18 साल से कम उम्र में ड्राइविंग बिल्कुल नहीं करें. सभी वाहन चालक हेलमेट का अवश्य इस्तेमाल करें. फैशन, दिखावा, स्टंट, स्टाइल, नुमाइश से अधिक आपकी जान महत्वपूर्ण है. जान की रक्षा करें. शराब पीकर वाहन चलाना अपराध है. बच्चे कार्यशाला में सीखने वाली बातों को अपने अभिभावकों के साथ शेयर कर उन्हें भी जागरूक बनायें.
लालच, डर व प्यार के कारण हम साइबर अपराधी के शिकार बन रहे : निखिल राय
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सह प्रशिक्षु आइपीएस निखिल राय ने कहा कि आज हम तीन चीजों के कारण साइबर अपराधियों के सॉफ्ट शिकार बन रहे हैं. ये लालच, डर और प्यार हैं. साइबर अपराधी हमें डराकर या लालच देकर बैंक खाते की जानकारी ले लेते हैं. इसके बाद हमारे पैसे उड़ा लेते हैं. किसी भी कॉल या मैसेज से डरें नहीं, बल्कि उसका सामना करें. सोशल मीडिया पर ऑनलाइन जिस लड़के या लड़की से प्यार होता है, वह अपनी तस्वीर या सभी जानकारियां आकर्षित करने के लिए देता है. सोचने वाली बात है कि सुंदर, सुशील, आकर्षक युवा को प्यार की तलाश के लिए सोशल मीडिया की जरूरत क्यों पड़ेगी. उसके शहर में चाहने वाले कई मिल जायेंगे. हकीकत में यह लालच देकर जाल में फंसाने का तरीका है.
प्रभात खबर ने पाठक और यूजर्स को जागरूक करने की जिम्मेदारी ली : संजय मिश्र
प्रभात खबर जमशेदपुर संस्करण के वरीय संपादक संजय मिश्र ने कहा कि वर्तमान में मनुष्य के जीवन में कई शब्दावलियों का प्रवेश हो गया है, जिसकी हमें जरूरत नहीं है. आज की युवा पीढ़ी की अपनी अलग परेशानियां हैं, जिसका समाधान सभी तलाश रहे हैं. आज हैकिंग, डिजिटल अरेस्ट, फिशिंग आदि का डर दिखाकर ई-मेल, फेसबुक को अलग-अलग तरीके से हैक कर लिया जाता है. बड़ी संख्या में साइबर अपराध और अपराधकर्मी पैदा हो चुके हैं, जिसके खिलाफ प्रभात खबर ने जन आंदोलन चलाकर पाठक और यूजर्स को जागरूक करने की जिम्मेदारी ली है. यूजर्स का भय और लोभ के कारण साइबर अपराध फल-फूल रहा है. साइबर ठगों के पास ठगने के अलग-अलग तरीके हैं. एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बढ़ते दौर में अपने जज्बात को नियंत्रित रखना है. जागृति ही इसका बचाव है. हम योद्धाओं की ऐसी टीम बनाना चाहते हैं, जो साइबर अपराधियों के विरुद्ध लड़ सके.
डिजिटल स्मार्ट बनें, स्मार्टफोन का इस्तेमाल बेवजह न करें : पिनाकी गुप्ता
प्रभात खबर जमशेदपुर के यूनिट हेड पिनाकी गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में हम अपने जीवन में 80 प्रतिशत डिजिटल चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सभी पर हैकर्स की निगाह है. हम कोई एप डाउनलोड कर रहे होते हैं, तो सभी गोपनीय जानकारियां देखने की अनुमति दे देते हैं. ऐसे में अच्छे से पढ़ें और जिसकी आवश्यकता नहीं हैं, उसे अनुमति न दें. लिंक्ड इन के माध्यम से यदि आप किसी से जुड़ रहे हैं, तो वह सुरक्षित है. हमें चाहिए कि हर पोस्ट पर कमेंट न करें, हर लिंक से न जुड़ें. कोई भी लिंक, तस्वीर व खबर आदि फॉरवर्ड करने से बचें, दूसरों की तस्वीर पर क्लिक या शेयर न करें. आप अपना और ओरिजिनल चीजों को पोस्ट करें. वेबसाइट्स डार्क वेब हैं. किसी साइट पर लॉगिंग करते ही आपकी सभी जानकारियां सोशल मीडिया पर फैल जाती है. पासवर्ड कठिन बनायें. डिजिटल स्मार्ट बनें, स्मार्टफोन का इस्तेमाल बेवजह न करें.
सजगता ही साइबर अपराध से बचाव का तरीका : बलराज हिंदवार
मधुसूदन पब्लिक स्कूल (एमपीएस) के निदेशक बलराज हिंदवार ने कहा कि किसी भी अनजान पोस्ट को शेयर करने से बचें. हमारे स्कूल के दो सहयोगी शिक्षक हैकर्स का शिकार हो चुके हैं. एक का फेसबुक अकाउंट हैक कर पैसे मांगे जा रहे थे. दूसरे को लालच देकर पैसे ठगे जा रहे थे. दोनों अपनी सजगता के कारण ठगी का शिकार होने से बच गये. प्रभात खबर परिवार और जिला पुलिस का आभारी हूं कि उन्होंने हमारे बच्चों को साइबर अपराध के प्रति सजग किया.
पुलिस की तरह सोशल मीडिया पर सबको शक की नजर से देखें : शशिबाला
चक्रधरपुर महिला थाना की प्रभारी शशिबाला भेंगरा ने कहा कि इंटरनेट हमें सुविधाएं दे रहा है, तो हल्की लापरवाही साइबर अपराधियों का शिकार बना रहा है. हमें साइबर अपराधियों से लड़ने का तरीका जानना होगा. इंटरनेट की पूर्ण जानकारी हासिल करें. किसी भी अनजान लिंक पर नहीं जायें. अनजान लोगों से दोस्ती न बढ़ायें. दोस्ती करने से पहले अच्छी तरह परखें. अभिभावक की डांट, रोक-टोक आपके हित में हैं. जज्बाती या गुस्सैल न बनें. सोशल मीडिया पर बनने वाले अनजान दोस्त धोखेबाज हो सकते हैं. ऑन लाइन गेम्स में ट्रेडिंग करते वक्त सावधान रहें. ऑनलाइन पैसे लगाने से बचें. पुलिस की तरह ही सोशल मीडिया पर सबको शक की नजर से देखें. यदि कभी साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं, तो 112 और 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज करायें.
विद्यार्थी स्मार्टफोन का उपयोग कम करें : राजीव रंजन
चक्रधरपुर थाना प्रभारी राजीव रंजन ने कहा कि 10वीं और 12वीं के बच्चों को मोबाइल फोन पर बहुत अधिक आश्रित नहीं होना चाहिए. बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग कम करें. बातों की सच्चाई को जानने के बाद पोस्ट करें. बच्चे सोशल मीडिया के बजाय किताबों से ज्ञान अर्जित करें. किसी तरह की कोई जानकारी सर्च कर रहे हैं, तो ऑफिशियल वेबसाइट का उपयोग करें. मालूम हो कि बैंक आपसे कोई जानकारी ऑनलाइन या फोन से नहीं मांगता है. ओटीपी मांगने वालों को कतई नहीं दें. सरकारी योजनाओं के नाम पर आपको ठगा जा रहा है, सचेत रहें. अपना पासवर्ड मजबूत बनायें. किसी को अपना फोन न दें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है