बंदगांव. बंदगांव प्रखंड के कराइकेला में तीन दिवसीय बैसाखी मेला सह दो दिवसीय छऊ नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका समापन शुक्रवार को हुआ. छऊ नृत्य प्रतियोगिता का उद्घाटन बतौर अतिथि विधायक प्रतिनिधि मिथुन गागराई एवं मेला समिति के संरक्षक विदेशी नायक ने किया. प्रतियोगिता में तीन टीमों ने भाग लिया. तरुणकला छऊ नृत्य समिति कराइकेला ने प्रतियोगिता की शुरुआत पौराणिक कथाओं पर आधारित हर गौरी नृत्य से किया. इसके उपरांत प्रतिभागियों द्वारा आरती, वनदेवी, महिषासुर वध, राधा कृष्ण, शिकारी छऊ नृत्य पेश किया. प्रतियोगिता में पुटसाई छऊ नृत्य कमेटी तथा दामुडीह छऊ नृत्य मंडली आकर्षण का केंद्र रहा. मौके पर मिथुन गगराई ने कहा कि यहां छऊ नृत्य कार्यक्रम बृहद रूप से किया गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में कला को बचाए रखने के लिए छऊ कलाकारों का सराहनीय योगदान है. यहां के छऊ कलाकारों ने विदेशों में भी प्रदर्शन कर झारखंड का नाम रौशन किया है. यह नृत्य झारखंड की संस्कृति से जुड़ा है. मेला को सफल बनाने में तरुणकला समिति के संयोजक विदेशी नायक, बिट्टू मिश्रा, तुलसी महतो, गिरधारी मंडल, अरूप चटर्जी, गौरी शंकर साहू, गिरधारी मंडल का सराहनीय योगदान रहा.
प्रत्येक पंचायत में छऊ कला केंद्र खोला जाये :
चक्रधरपुर प्रखंड के सिलफोडी गांव में दो दिवसीय छऊ नृत्य सह मेला का समापन शुक्रवार को हुआ. छऊ नृत्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झामुमो केंद्रीय सदस्य रामलाल मुंडा मुख्य रूप से शामिल हुए. मौके पर मुख्य अतिथि रामलाल मुंडा ने कहा कि छऊ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है.इसमें पौराणिक कथाओं को दिखाने की कला देखने को मिलती है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के कलाकारों को देश दुनिया में बेहतर मंच मिले. इसके लिए प्रत्येक पंचायत में छऊ कला केंद्र खोला जाए. इसके लिए सरकार से मांग की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है