चाईबासा. पश्चिमी सिंहभूम जिला में घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में जगन्नाथपुर अनुमंडल के किसानों को खेती के लिए जल की समस्या का अब समाधान मिलता दिख रहा है. टाटा स्टील की ओर से जल संरक्षण को बढ़ावा देते हुए ऐसी व्यवस्था की गयी है, जिससे किसानों को हर समय सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहेगा. टाटा स्टील के जल संरक्षण की दिशा में प्रयास करने से सूरत बदलती दिख रही है. यहां के किसान अब सालों भर अपनी खेती कर सकते हैं.
टाटा स्टील सामुदायिक विकास परियोजना के तहत ””इयर-राउंड इरिगेशन प्रोजेक्ट”” का उद्घाटन जगन्नाथपुर में किया गया है. इस परियोजना से चिलचिलाती गर्मी में भी किसानों को पाइपलाइन के माध्यम से सीधे वैतरणी नदी से सिंचाई के लिए पानी की निरंतर आपूर्ति होती रहेगी. यह परियोजना क्षेत्र की कृषि पद्धतियों में क्रांतिकारी बदलाव लायेगी. इस परियोजना से जगन्नाथपुर के आठ गांवों जिसमें देवगांव, सियालजोड़ा, गितिलपी, भानगांव, लेपांग, जामपानी, महूदी, सारबिल को लाभ होगा. इस परिवर्तनकारी योजना से 1500 से ज्यादा कृषक परिवारों को सीधे लाभ होगा. क्षेत्र में कृषि उत्पादकता और आजीविका में वृद्धि होगी. सिंचाई सुविधा द्वारा पारंपरिक खेती से फसल और सब्जी का उत्पादन होगा. इससे किसानों की वार्षिक आमदनी लगभग 2 लाख से ऊपर होने की संभावना है.800 एकड़ भूमि की होगी सिंचाई
ओएमक्यू डिवीजन के महाप्रबंधक अतुल भटनागर ने बताया कि अनुमानित लागत लगभग 1.3 करोड़ से निर्मित इस क्रांतिकारी परियोजना के तहत 8000 मीटर पाइपलाइन बिछाकर 30 तालाबों को एक साथ जोड़ा गया है. इससे पानी की संचित क्षमता लगभग 2 लाख 27 हजार 665 क्यूबिक मीटर की होगी, जो आसपास के लगभग 800 एकड़ तक फैले क्षेत्र को सिंचाई प्रदान करेगी. इस परिवर्तनकारी योजना से 1500 से ज्यादा कृषक परिवारों को सीधे तौर पर लाभ होगा. ससे क्षेत्र में कृषि उत्पादकता और किसानों की आजीविका में वृद्धि होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है