चाईबासा. चाईबासा स्थित पुलहातु समुदाय भवन में रविवार को आदिवासी उरांव समाज संघ के अध्यक्ष संचू तिर्की की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसका मुख्य विषय उरांव समुदाय के महान पारंपरिक त्योहार खद्दी फग्गू पर चर्चा रहा. श्री तिर्की ने कहा कि यह हमारा महान पारंपरिक प्राकृतिक त्योहार है. हम साल वृक्ष में आये नये फल, फूल व पत्तियों को प्रसाद स्वरूप अपने इष्ट देवी-देवताओं को अर्पण कर उनका आशीष प्राप्त करते हैं. सचिव अनिल लकड़ा ने कहा कि हमारा पारंपरिक खद्दी फग्गू त्योहार पूरी तरह प्रकृति पर आधारित है. प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के प्रथम चैत्र में सार्वजनिक होली का त्योहार मनाया जाता है. उसी के दूसरे दिन अर्थात चैत्र माह के द्वितीया में हमारा पारंपरिक त्योहार खद्दी फागुन मनाया जाता है. इस वर्ष खद्दी फग्गू का महान त्योहार 15 मार्च (शनिवार) को मनाया जायेगा. 13 मार्च को पूर्णिमा (होलिका दहन) है. सभी सातों बस्तियों में त्योहार को भली-भांति पूरे नेग-नियम से मनाने की अपील की गयी. इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाने का आह्वान किया गया. इस अवसर पर सहदेव किस्पोट्टा, बाबूलाल बरहा, लालू कुजूर, लक्ष्मण बरहा, दुर्गा खलखो, कृष्णा टोप्पो, राजकमल लकड़ा, गणेश कच्छप, मंगल खलखो, सुमित बरहा, विक्रम खलखो, इशू टोप्पो, रोहित खलखो, पंकज खलखो,चंदन कच्छप, बिष्णु मिंज, रोहित लकड़ा, किशन बरहा, मोहन बरहा आदि उपस्थित थे.
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