चक्रधरपुर. केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना की राशि का भुगतान बंद कर दिया है. इससे मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी हो रही है. राशि बंद होने से प्राइवेट अस्पतालों ने इलाज बंद कर दिया है. जानकारी के मुताबिक जिला के नौ अस्पतालों में आयुष्मान योजना से इलाज हो रहा था. इन नौ अस्पतालों का करोड़ों रुपया सरकार का बकाया है.
जानकारी के मुताबिक मई 2024 से पहले तक इन अस्पतालों को केंद्र सरकार द्वारा राशि दी गयी. इसके बाद बिना कोई कारण बताये राशि बंद कर दी गयी. इसके बावजूद सभी अस्पतालों ने योजना के तहत इलाज जारी रखा. जब सितंबर 2024 तक पैसे का भुगतान नहीं किया गया, तब उपायुक्त को आवेदन सौंपकर राशि भुगतान करने का आग्रह किया गया. अभी तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है. इस कारण सभी नौ अस्पतालों में इस योजना से इलाज बंद है. केंद्र सरकार पर करोड़ों रुपये का बकाया हो जाने के बाद जिले के सभी अस्पतालों ने इस योजना से इलाज करना बंद कर दिया है.बैठक में नहीं निकला कोई रास्ता
जिला के अस्पतालों द्वारा बार-बार राशि की मांग की गयी. इसके बाद 10 जनवरी 2025 को उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक की गयी. इसमें सभी अस्पतालों से बकाया राशि का ब्यौरा लिया गया. उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को इसकी रिपोर्ट भेजी जानी है. बैठक के एक माह बाद भी अभी तक अस्पतालों को राशि नहीं मिली है.दो माह से डायलिसिस भी बंद
जिला के सभी नौ अस्पतालों में सामान्य इलाज तो कई माह पहले से बंद है. किडनी के मरीजों का मुफ्त डायलिसिस सिर्फ दो स्थानों पर होता था. सूर्या नर्सिंग होम चक्रधरपुर एवं मुंधड़ा अस्पताल चाईबासा. सरकार द्वारा राशि नहीं दिए जाने के कारण इन दोनों अस्पतालों ने डायलिसिस भी बंद कर दिया है.इन अस्पतालों का है इतना बकाया
सूर्या नर्सिंग होम : 27 लाख रुपयेमुंधड़ा अस्पताल : 35 लाखगायत्री सेवा सदन : 50 लाखलाइफ अस्पताल : 3 लाख
संजीवनी सेवा सदन: 60 हजारओम नर्सिंग होम : 20 लाखक्या कहते हैं अस्पताल संचालक
नहीं चाहते हुए भी डायलिसिस बंद करना पड़ा. मरीजों की परेशानी देखी नहीं जा रही है. पर आर्थिक तंगी के कारण हमलोगों को यह कदम उठाना पड़ा. – गौरी शंकर महतो, सूर्या नर्सिंग होम
मई 2024 से पैसा नहीं मिल रहा है. मरीजों के आग्रह पर इलाज जारी रखा हूं. पर एक सीमा तक ही सेवा दे सकूंगा. केंद्र सरकार को चाहिए कि जल्द राशि जारी कर दे. – डॉ शिव कुमार प्रसाद, पूर्व सीएसमरीजो को लौटाना अच्छा नहीं लगता. दूर दराज के गांव से मरीज आते हैं, पर हमारी भी एक सीमा है. सरकार को गरीबों के हित में जल्द से जल्द राशि जारी कर दे. – डॉ संजय कुमार, जगन्नाथपुरहमारा डायलिसिस मुफ्त होता था. अब बंद हो गया है. इसलिए पैसा देकर करवा रहा हूं. कर्ज में डूबता जा रहा हूं. सरकार हमारी सुने. योजना से इलाज जल्द शुरू हो. – मो साजिद, डायलिसिस मरीजइन अस्पतालों में होता है आयुष्मान योजना से इलाजलाइफ अस्पताल, चाईबासागायत्री सेवा सदन, चाईबासागंगोत्री नर्सिंग होम, जगन्नाथपुरओम नर्सिंग होम, चाईबासासंजीवनी सेवा सदन, जगन्नाथपुरसूर्या नर्सिंग होम, चक्रधरपुरसंत अंजला अस्पताल, चक्रधरपुरऑक्सफोर्ड नर्सिंग होम, चक्रधरपुरकोटआयुष्मान योजना केंद्र सरकार की योजना है. हम उपायुक्त से इस संदर्भ में बात कर रहे हैं. मीटिंग भी हो चुकी है. सभी अस्पतालों की बकाया राशि संग्रह कर भेज रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत केंद्रीय टीम तथ्यों की जांच करने आती है. अगर एक भी केस में कोई गलती मिलती है, तो सबकी राशि को बंद कर दिया जाता है. सेंट्रल टीम फिर जांच के लिए आयेगी. – डॉ सुशांतो माझी, सिविल सर्जनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है