जैंतगढ़. जैंतगढ़-चंपुआ में मुस्लिम समाज के लोग बकरीद की तैयारी में जुट गए हैं. बकरीद में कुर्बानी देने के लिए एक से बढ़कर एक बकरे लाए जा रहे हैं. इस बार देसी बकरों के साथ इलाहाबादी, गुलबर्गी और कानपुरी बकरे भी लाये जा रहे हैं. वहीं कुछ लोग कश्मीरी और लद्दाखी बकरे भी ला रहे हैं. चंपुआ निवासी मो कविश जमील का 50 हजार रुपये का कश्मीरी बकरा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. उसके सिंग हिरण की तरह है. बाल याक बैल की तरह है. देखने में सुंदर होने के साथ फुर्तीला भी है. कविश ने बताया कि बकरा ठंड में रहने का आदि है. यह दाना और चना खाता है. साफ-सफाई और तापमान का पूरा ख्याल रखना पड़ता है. लोग बकरे को शौक से देखने जा रहे हैं. आसपास में बकरे की खूब चर्चा हो रही है.
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