मनोहरपुर.मनोहरपुर प्रखंड के कमारबेड़ा गांव में एक परिवार पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि धर्म प्रचारकों द्वारा घर से देवी-देवताओं की तस्वीरें हटा दी गयीं और बेटे को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करा दिया गया. परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिससे वे डरे हुए हैं.
फरवरी में धर्मसभा में शामिल हुआ था परिवार
महतो टोला निवासी गंगाराम माहली और उनकी पत्नी हेमो माहली ने बताया कि गांव की एक महिला और एक ईसाई धर्म प्रचारक ने फरवरी माह में उन्हें डिंबुली गांव में आयोजित धर्मसभा में शामिल होने के लिए बुलाया था. धर्मसभा में हेमो माहली, उनकी बेटी सूरजमनी और बेटा विजय शामिल हुए थे. वहां उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया.
धर्मसभा से लौटने पर महिला व प्रचारक ने परिवार पर बनाया दबाव
हेमो माहली का आरोप है कि धर्मसभा से लौटने के कुछ दिनों बाद उक्त महिला और प्रचारक उनके घर आए और जबरन देवी-देवताओं की तस्वीरें हटा दीं. उन्होंने कहा कि घर की समस्याओं की जड़ यही हैं और धर्म परिवर्तन करने पर सब कुछ ठीक हो जाएगा.बेटे का धर्म परिवर्तन करा दिया : हेमो
परिवार द्वारा धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर आरोप है कि उनके बेटे विजय को बहलाकर ईसाई धर्म स्वीकार करा दिया गया. हेमो ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से विजय घर नहीं लौट रहा है और अब वही अपने परिवार को धर्म परिवर्तन के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है. महिला और प्रचारक की ओर से परिवार पर फोन कर दबाव डाला जा रहा है और विरोध करने पर मुकदमे की धमकी भी दी जा रही है.
मामले को लेकर आज ग्रामसभा
हेमो माहली ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि उनका बेटा इस समय कहां है. परिवार का कहना है कि वे अपने पूर्वजों के हिंदू धर्म में ही रहना चाहते हैं, लेकिन प्रचारक उन्हें लगातार ईसाई धर्म अपनाने के लिए विवश कर रहे हैं. परिवार ने इस मामले की जानकारी गांव के अन्य लोगों को दी है और मंगलवार को इसे लेकर गांव में एक ग्रामसभा बुलायी गई है. हालांकि, अभी तक इस मामले में पीड़ित परिवार ने पुलिस में कोई लिखित या मौखिक शिकायत नहीं की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है