चक्रधरपुर. चक्रधरपुर रेल मंडल के लोको पायलटों की 36 घंटे भूख हड़ताल शुक्रवार रात 8 बजे समाप्त हो गया. गुरुवार सुबह 8 बजे से लोको पायलटों की यह भूख हड़ताल लगातार जारी रही. लोको पालयटों की हड़ताल से ट्रेनों के संचालन पर प्रभाव नहीं पड़ा. लोको पायलटों ने भूखे रहकर ट्रेन संचालन जैसे अपने महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करते रहे. सरकार व रेलवे की लंबित मांगों पर ध्यान आकृष्ट कराया. शुक्रवार को दूसरे दिन चक्रधरपुर क्रू लॉबी के बाहर दर्जनों लोको पायलट भूख हड़ताल पर बैठे रहे. लोको पायलटों ने कहा कि रनिंग स्टाफ से एक बार में 8 घंटे से अधिक डयूटी नहीं लेने, पुरानी पेंशन बहाल करने व लगातार रात्रि डयूटी को दो दिन तक सीमित करने आदि सभी जायज मांगें है. रेलवे व सरकार हमारी मांगों को पूरा करे. उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगे पुरी नहीं होने पर आंदोलन विकराल रुप लेगा.
दो लोको पायलटों की तबीयत बिगड़ी, रेलवे अस्पताल में भर्ती
भूख हड़ताल पर रहे चक्रधरपुर के सहायक लोको पायलट आरके राणा व लोको पायलट मनोज कुमार (टू) की तबीयत बिगड़ गयी. दोनों लोको पायलटों को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां दोनों इलाजरत हैं. चिकित्सकों के मुताबिक भूखे रहने के कारण शरीर कमजोर हो गया था. इससे चक्कर आ रहा था. जरूरी दवा दी गयी है. तरल पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी गयी है. हड़ताली एएलपी आरके राणा ने कहा कि उन्हें अचानक चक्कर आने लगा. आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा. मेरी शारीरिक स्थिति को देख रेलवे अस्पताल लाया गया. फिलहाल तबीयत ठीक है.
ड्यूटी निकलते समय एलपी को आया चक्कर
लोको पायलट मनोज कुमार ड्यूटी के लिए घर से निकल रहे थे. तभी उनके सिर में चक्कर आने लगा. जमीन पर गिरने वाले थे, तभी बच्चों ने गिरने से बचा लिया. उन्होंने इसकी सूचना संबंधित विभाग को दी. स्थिति से अवगत कराया. उन्हें तुरंत रेलवे अस्पताल लाया गया. यहां चिकित्सकों ने जरूरी दवा दी. फिलहाल उनकी तबीयत में सुधार हुई है.
माइलेज रेट में 25 फीसदी वृद्धि की जाये : ललन कुमार
अलारसा के शाखा सचिव ललन कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई भत्ता 50 फीसदी तक पहुंचने पर सभी कर्मचारियों की यात्रा भत्ता (टीए) में 25 फीसदी की वृद्धि की है, पर रनिंग स्टाफ के माइलेज रेट में कोई वृद्धि नहीं की गयी है. रनिंग स्टाफ के साथ अनदेखी की गयी है. सभी रेलकर्मियों को मॉनिटरिंग करने के लिए यूपीएस आया है, यह एनपीएस से भी भ्रष्ट है, एनपीएस व यूपीएस नहीं, पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) दिया जाये.फॉग सेफ्टी डिवाइस को इंजन के अंदर स्थापित करे रेलवे : एनके नीलमणि
रनिंग स्टाफ को डयूटी में बैग, पानी बोतल व तमाम उपकरण होता है. जो पहले ही बोझ तले दबे हैं, अब टूल्स बॉक्स व फॉग सेफ्टी डिवाइस को ढुलाया जा रहा है. प्लेटफार्म से यार्ड या लाइनों को पार कर इंजन तक ले जाने में परेशानी हो रही है. ये उपकरण नहीं लेने पर रेलवे डैमेज चार्ज कर रही है. इसको देखते हुये रनिंग स्टाफ की मांग व सुझाव है कि टूल्स बॉक्स व फॉग सेफ्टी डिवाइस को इंजन के अंदर कैब में स्थापित किया जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है