जैंतगढ़. क्योंझर (ओडिशा) जिला के बासुदेवपुर में वैतरणी नदी पर बने कानूपुर डैम का स्विस (स्लुइस) गेट बंद कर दिया गया है. इससे नदी में पानी आना बिल्कुल बंद है. नदी में घुटने भर से कम पानी है. 400 मीटर चौड़ी नदी मात्र 15 से 20 फीट की हो गयी है. एक सप्ताह तक यही हाल रहा, तो पहली बार वैतरणी नदी सूख जायेगी.
वैतरणी नदी में पानी कम होने से जैंतगढ़ में जलापूर्ति व्यवस्था ठप हो गयी है. ऐसे में ग्रामीण परेशान हैं. पंप ऑपरेटर मो गाजी आलम ने बताया कि कानूपुर डैम का स्विस गेट बंद करने से वैतरणी नदी नाला बन चुकी है. इंटेक वेल तक पानी कैसे चढ़ेगा. वेल के पाइप में लगे वॉल्व पानी से ऊपर उठ गया है.जबतक डैम से पानी नहीं छोड़ा जायेगा, समस्या रहेगी : मुखिया
बताया जाता है कि पाइप के पास पठार और चट्टान है. 2-4 मजदूर लगाकर नाली काट कर पानी स्टोर किया जाये, तो 7-10 दिन काम चल सकता है. ग्राम जल समिति के अध्यक्ष सह जैंतगढ़ पंचायत के मुखिया से काम करवाने की मांग की गयी है. मुखिया प्रवीण पिंगुआ ने कहा कि लोग जल सेवा शुल्क जमा नहीं कर रहे हैं. काम कहां से कराएंगे. जबतक कानूपुर डैम से पानी नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक वैतरणी का जल स्तर नहीं बढ़ेगा. इंटेक वेल में पानी नहीं आयेगा. गेट कब खुलेगा, कोई सूचना नहीं है.इंटेकवेल सूखा, तो टिस्को में जलापूर्ति होगी ठप
स्विस गेट नहीं खोला गया, तो जैंतगढ़ स्थित पांच इंटेक वेल (जैंतगढ़ ग्रामीण जलापूर्ति केंद्र, पीएचडी, हाटगम्हरिया वृहद जलापूर्ति केंद्र, चंपुआ पीएचडी और चंपुआ एनएसी) सूख जायेंगे. जैंतगढ़ व चंपुआ में पानी के लिए हाहाकार मच जायेगा. वैतरणी सूखने से रामतीर्थ स्थित टिस्को नोवामुंडी और डीपीएस रेल जोन का इंटेक वेल भी सूख जायेगा. इससे रेल और टिस्को में जलापूर्ति पूरी तरह ठप हो जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है