Bhubaneswar News: बाल विकास प्रयासों की असली ताकत हमारी सीडीपीओ की जमीनी नेतृत्व क्षमता में निहित है. लोकसेवा भवन में बाल विकास परियोजना अधिकारियों की राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए ओडिशा की उप मुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने यह बात कही. राज्यभर से आये 400 से अधिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2036 तक ओडिशा को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने की दिशा में फ्रंटलाइन नेतृत्व को सशक्त बनाना बेहद जरूरी है और सीडीपीओ इस परिवर्तन के केंद्र में हैं.
एवसोम एप लॉन्च, आंगनबाड़ी केंद्रों में सेवा वितरण की निगरानी को बनायेगा सशक्त
उप मुख्यमंत्री ने सुभद्रा योजना की सफलता में बाल विकास परियोजना अधिकारियों के योगदान की सराहना करते हुए स्थानीय स्तर पर महिला नेतृत्व को और मजबूत करने का आह्वान किया. इस अवसर पर उन्होंने आंगनबाड़ी वेलफेयर एंड सर्विस ओवरसाइट मानिटरिंग एव्हरीवेयर (एडब्ल्यूइएसओएमइ) एप लॉन्च किया, जो आंगनबाड़ी केंद्रों की आधारभूत संरचना और सेवा वितरण की निगरानी को डिजिटल रूप से सशक्त करेगा. साथ ही, ‘आस जिबा आंगनबाड़ी’ अभियान की शुरुआत की गयी, जो एक से 15 अगस्त तक चलेगा. इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों से अपील की गयी है कि वे निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र जाकर उसकी स्वच्छता, अवस्थापना और कार्यप्रणाली का निरीक्षण करें व सुझाव साझा करें. यह पहल विश्व स्तनपान सप्ताह (1–7 अगस्त) के साथ जुड़ी हुई है और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है. इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव शुभा शर्मा, निदेशक मोनिषा बनर्जी एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. मुख्य सचिव ने सीडीपीओ को जन-केंद्रित रणनीतियां अपनाने की सलाह दी और विजन ओडिशा 2036 के तहत पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक बाल शिक्षा की महत्ता को रेखांकित किया.
आइसीडीएस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के क्षमता निर्माण को हुए एमओयू
श्रीमती शुभा शर्मा ने संस्थागत प्रशिक्षण की भूमिका पर जोर देते हुए कार्यशाला की दिशा निर्धारित की. इस दौरान विभाग और राष्ट्रीय लोक सहयोग एवं बाल विकास संस्थान के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये, जिसके तहत आइसीडीएस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के निरंतर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को सुनिश्चित किया जायेगा. राष्ट्रीय लोक सहयोग एवं बाल विकास संस्थान की अतिरिक्त निदेशक संघमित्रा बारिक ने कहा कि यह भागीदारी फील्ड स्तर पर तकनीकी ज्ञान और व्यावसायिक कौशल को और बेहतर बनायेगी. कार्यशाला में सीडीपीओ के प्रशासनिक, वित्तीय एवं कानूनी दायित्वों पर तकनीकी सत्र आयोजित किये गये. वित्तीय सलाहकार व विशेष सचिव एलोरा मोहंती ने सीडीपीओ की बतौर डीडीओ की भूमिका पर विस्तृत प्रस्तुति दी. इसके बाद इतिश्री दास ने पेंशन नियम, अवकाश प्रक्रिया, मूल्यांकन प्रणाली व यात्रा भत्तों की जानकारी साझा की. अंतिम सत्र में अतिरिक्त सचिव ज्योतिशंकर महापात्र ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम और सुरक्षा उपायों पर मार्गदर्शन दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है