Rourkela News: बंडामुंडा के डुमेरता से बरकानी और बाहागढ़ होते हुए राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) तक चल रहे रेल लाइन निर्माण कार्य के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों का धरना रविवार को लगातार 23वें दिन जारी रहा. वहीं पिछले 26 दिनों से पुलिस बल की मौजूदगी में निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिस कारण स्थानीय ग्रामीणों द्वारा टेंट लगाकर निर्माण स्थल के पास एकजुट होकर विरोध किया जा रहा है.
ग्रामसभा के बिना काम किये जाने का लगाया आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि यहां बिना ग्रामसभा के ही निर्माण कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य में जिन ग्रामीणों की जमीन जा रही है, उन्हें कोई मुआवजा भी अब तक नहीं दिया गया है. इसके बावजूद पुलिस की मौजूदगी में आदिवासी ग्रामीणों को धमका कर कार्य जारी रखा गया है. आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है और आदिवासियों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है. इस आंदोलन में छूनी मुंडा, रवि माझी, महेश्वर टोप्पो, बुधा लकड़ा, खिरोद चंद्र महतो, सुषमा एक्का समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हैं.
आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी
बंडामुंडा के समिति सदस्य रवि माझी ने कहा कि धरना के 23 दिन बीतने पर भी आरएसपी द्वारा ग्रामीणों की मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है और ना ही जिला प्रशासन की ओर से कोई पूछने आया है. इसलिए ग्रामीण धरना पर बैठने के लिए मजबूर हैं. जल्द ग्रामीणों की बात नहीं सुनी जायेगी, तो आगामी दिनों में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जायेगा. विस्थापित नेता महेश्वर टोप्पो ने बताया कि 2006 में मांगाें को लेकर आर्थिक नाकेबंदी की गयी थी. इसके बाद आरएसपी, सेल, रेल व राज्य सरकार, आंचलिक सुरक्षा समिति के बीच एग्रीमेंट हुआ था. इसमें रेलवे ने ग्रुप डी में नौकरी का भरोसा विस्थापितों को दिया था. वहीं राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर जमीन वापस करने की बात कही थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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