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Rourkela News: आरएमसी की अस्थायी कर्मचारी ने लाइव वीडियो बना खुदकुशी का किया प्रयास

Rourkela News: पति की मौत के बाद राउरकेला नगर निगम में स्थायी नौकरी नहीं मिलने से नाराज एक अस्थायी कर्मी ने लाइव वीडियो बना आत्महत्या का प्रयास किया.

Rourkela News: राउरकेला महानगर निगम कार्यालय में कार्यरत एक अस्थायी कर्मचारी ने सोमवार की दोपहर एक सोशल साइट पर लाइव वीडियो बनाते हुए पंखे से लटकर खुदकुशी का प्रयास किया. इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी है. उसके लाइव वीडियो को कुछ कर्मचारियों ने देखा, तो कार्यालय में अफरा-तफरी मच गयी. कमरे के दरवाजे को जैसे-तैसे खोलकर उसे बचाया गया, फिर राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में भर्ती कराया गया.

पूर्व कमिशनर, एडीएम व यूनियन नेताओं के आश्वासन के बाद छल किये जाने का लगाया आरोप

जानकारी के अनुसार, राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) के स्टाॅक एंड स्टाेर विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारी सरस्वती सामंतराय (38) ने सोमवार की दोपहर अपने सोशल साइट पेज पर लाइव आकर अपना दुखड़ा रोया. बताया कि उसके पति आरएमसी में लाइनमैन का काम करते थे. लेकिन गत 2016 में पुल पर चढ़कर काम के दौरान वहां से नीचे गिर जाने के बाद उनकी मौत हो गयी. उसके बाद तत्कालीन कमिश्नर, एडीएम व यूनियन के नेताओं ने उन्हें पति के स्थान पर नाैकरी देने की बात कही थी. लेकिन स्थायी नाैकरी के स्थान पर आउटसोर्सिंग संस्था में सात हजार रुपये महीने की नौकरी दी गयी. नौ सालों तक उसने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी. लेकिन न्याय नहीं मिलने से उसने अपना दुखड़ा सुनाने के साथ सोमवार वीडियो बनाते हुए खुदकुशी का प्रयास किया.

विधायक, विभिन्न पार्टियों के नेताओं और आरएमसी अधिकारियों ने अस्पताल में की मुलाकात

घटना के बाद आरएमसी उपायुक्त पल्लवी नाइक, सहायक आयुक्त अजीत पटनायक और अन्य अधिकारी और कर्मचारी उसे आरजीएच ले गये, जहां पर डॉक्टरों ने जांच शुरू कर उन्हें डेंगू वार्ड में भर्ती कराया. खबर पाकर उनके परिजन भी पहुंचे. इसके साथ उदितनगर थाना प्रभारी दिलीप लकड़ा भी अपनी टीम के साथ आरजीएच पहुंचे. विधायक शारदा प्रसाद नायक, बीरेन सेनापति, कांग्रेस के रश्मि पाढ़ी, मुक्तिकांत बिस्वाल और अन्य पार्टियों के नेताओं आरजीएच पहुंचकर सरस्वती सामंतराय से मुलाकात की. वहीं शाम के समय जिलापाल व एडीएम भी आरजीएच पहुंचे.

मंत्री समेत विभागीय अधिकारियों से लगा चुके हैं गुहार, नहीं मिली नौकरी

सरस्वती की मां कंचनबाला माेहंती ने कहा कि मैंने घर-घर बरतन साफ कर बच्चों को बड़ा किया. बेटी टेंशन में रहती है और कुछ बोलती नहीं. बेटी बोलती थी कि हमलोग हमेशा मां पर कैसे निर्भर रहेंगे, घर का भाड़ा 5500 रुपये है. फिर दोनों बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्चे कैसे चलेंगे. महीने में सात हजार रुपये वेतन मिलता है, जिसमें घर चलना मुश्किल है. आज इतने तनाव के बाद उसने ऑफिस में आत्महत्या का प्रयास किया. मंत्री से भी मुलाकात कर चुके, वे लोग फाइल को दबा कर रख दिये और उसे निकालते ही नहीं. हमारी मांग है कि वादे के मुताबिक उसे सुविधाओं के साथ स्थायी नौकरी मिलनी चाहिए.

2016 में पिता की हुई थी मौत, स्थायी नौकरी नहीं मिलने से परेशान थी मां

सरस्वती के बड़े बेटे सत्यव्रत सामंतराय ने कहा कि मेरे पिता दिवंगत लड्डू किशोर सामंतराय राउरकेला महानगर निगम में बिजली विभाग में लाइनमैन का काम करते थे. अगस्त 2016 में ओरामपाड़ा में बिजली के खंभे पर काम करने के दौरान उनकी मौत हो गयी थी, जबकि खंभे पर चढ़ने का काम उनका नहीं था. वे उस वक्त बीमारी के लिए अवकाश में थे, फिर भी वे काम पर गये. उस वक्त कोई अन्य कर्मचारी नहीं था, बिना सेफ्टी के उनसे अकेले काम करवाते थे. उनके देहांत के बाद आरएमसी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि मां सरस्वती सामंतराय को स्थायी नौकरी के साथ घर और अन्य सुविधाएं दी जायेंगी. लेकिन नौ साल बीत गये और अब तक कुछ नहीं मिला. मां अस्थायी रूप से काम कर रही हैं, उन्हें वेतन भी बहुत काम दिया जा रहा है. इन सब चीजों को लेकर तनाव में उन्होंने यह कदम उठाया है, जिसके जिम्मेदार राउरकेला महानगर निगम और सरकार है. हमारी मांग है कि राउरकेला नगर निगम के अधिकारी राउरकेला सरकारी अस्पताल में आकर सब कुछ लिखित में दें और अभी से उसे लागू करें.

विधायक शारदा नायक समेत जिलापाल व एडीएम ने पीड़िता से मिलकर जतायी संवेदना

राउरकेला विधायक ने अस्पताल में पीड़िता से मुलाकात के बाद कहा कि मुझे यह जानकर दुख हुआ कि उसने यह कदम उठाया है. भगवान का धन्यवाद अदा करता हूं कि उनकी जान बच गयी है. उन्हें स्थायी नाैकरी देने में क्या समस्या आ रही है, इसका पता लगाने के बाद इसका समाधान निकाला जायेगा. मैं इसे लेकर मुख्यमंत्री मोहन माझी से भी बात करूंगा. सरकारी कार्यालयों में एक शिकायत प्रकोष्ठ भी होना चाहिए तथा प्रत्येक महीने इसकी बैठक होनी चाहिए. साथ ही आम कर्मचारी व अधिकारी के बीच भी उचित समन्वय होना चाहिए, ताकि परेशान कर्मचारी अपनी बात उनके सामने रख सकें.

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