Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को भुवनेश्वर स्थित लोक सेवा भवन में आयोजित गरिमा कार्यक्रम के दौरान सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार सफाई कर्मियों की सुरक्षा, सम्मान और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में उपलब्ध कराये जायेंगे पक्के मकान
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सीवरेज और सेप्टिक टैंक की सफाई में लगे सफाई कर्मचारियों को 10 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर दिया जायेगा. वहीं, यदि कार्य के दौरान किसी सफाईकर्मी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों को 30 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जायेगा. डिजिटल अंतर को कम करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सफाई कर्मचारियों को मोबाइल फोन प्रदान किये जायेंगे, ताकि वे जानकारी से जुड़े रहें और संवाद में सक्षम बन सकें. इसके अलावा, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत शहरों में रहने वाले सफाईकर्मियों को पक्के मकान भी उपलब्ध कराये जायेंगे.
जगन्नाथ संस्कृति में स्वच्छता को मिला है विशेष महत्व
मोहन चरण माझी ने सफाईकर्मियों के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. इस कार्यशाला में सात राज्यों और ओडिशा के विभिन्न जिलों से आये सरकारी अधिकारी एवं सफाई कर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जगन्नाथ संस्कृति में भी स्वच्छता को विशेष महत्व दिया गया है. उन्होंने रथयात्रा के दौरान छेरा पहंरा को इसका प्रमुख उदाहरण बताते हुए कहा कि यह सफाई कार्य को गरिमा के साथ प्रस्तुत करने का प्रतीक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा की ‘गरिमा योजना’ सफाई कर्मियों की सुरक्षा, सम्मान और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित कर रही है और यह योजना अब राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रेरणास्रोत बन चुकी है. मुख्यमंत्री माझी ने इस अवसर पर कहा कि स्वच्छता कर्मियों के सम्मान और सुरक्षा की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नाम सर्वोपरि रहेगा. उन्होंने याद दिलाया कि 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कर घर-घर शौचालय निर्माण का आह्वान किया था. उनका दृष्टिकोण था कि जब तक देश के हर घर, हर शहर और हर गांव में प्रभावी सफाई व्यवस्था नहीं होगी, तब तक सामाजिक और आर्थिक विकास संभव नहीं है. इस अवसर पर कार्यशाला स्थल पर आयोजित आधुनिक स्वच्छता उपकरणों और सुरक्षा साधनों की प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया और विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण कर उन्हें देखा. कार्यक्रम में उन्होंने प्रमुख सफाई कर्मियों को सम्मानित भी किया.
115 शहरी क्षेत्रों में 10 हजार से अधिक सफाईकर्मियों की हुई पहचान
ओडिशा में लागू ‘गरिमा योजना’ पर विस्तार से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत सफाई कर्मियों की पहचान और पहचान पत्र का वितरण, सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति, कौशल विकास कार्यक्रम, आपातकालीन स्वच्छता सेवा इकाइयों की स्थापना, सामाजिक सुरक्षा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है. राज्य के 115 शहरी क्षेत्रों में 10,000 से अधिक सफाई कर्मियों की पहचान की गयी है और उन्हें कुशल और अति-कुशल कर्मियों के रूप में मान्यता दी गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां विभिन्न राज्यों से आये सफाई कर्मी आपसी अनुभव साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हम सबको मिलकर अपने-अपने अनुभव और सर्वोत्तम विचारों को साझा कर एक समावेशी और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है.
सफाईकर्मियों का अधिकार, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी
कार्यक्रम में आवास एवं शहरी विकास मंत्री डॉ कृष्णचंद्र महापात्र ने कहा कि प्रमुख सफाई कर्मचारी हमारे शहरों और गांवों के अदृश्य नायक हैं. वे वर्षों से हमारे लिए अत्यंत आवश्यक सेवाएं प्रदान करते आ रहे हैं. अक्सर वे बेहद खतरनाक परिस्थितियों में भी काम करते हैं. ऐसे में, उनका अधिकार, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला देश के विभिन्न राज्यों, शहरों और संस्थाओं को एक साथ लाने का अवसर है, जहां हम अपने अनुभव साझा कर सकते हैं, सीख सकते हैं और आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं. मुख्य शासन सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि आज स्वच्छता क्षेत्र में ओडिशा की पहचान देश भर में बनी है. इसके पीछे राज्य सरकार की ओर से उठाये गये ठोस कदम हैं. इन कदमों को सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हमें केवल शहरी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाना होगा, ताकि ओडिशा संपूर्ण रूप से स्वच्छ और सुरक्षित बन सके.
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