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संताली ओल चिकी लिपि शताब्दी समारोह में राजनेताओं की नो एंट्री, नहीं कर सकेंगे पंडित रघुनाथ मुर्मू को नमन

संताली ओल चिकी लिपि का शताब्दी महोत्सव 12 मई को है. ग्रामीणों ने सामूहिक निर्णय लेने के बाद संताली ओल चिकी लिपि के जनक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की जन्मस्थली पर राजनेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. पंडित रघुनाथ मुर्मू मेमोरियल क्लब की स्थापना 2008 में उनके मार्गदर्शन में की गयी थी. वक्त के साथ इसके राजनीतिकरण के कारण ये निर्णय लिया गया है.

रायरंगपुर(ओडिशा)-दंडबोश गांव में इस वर्ष संताली ओल चिकी लिपि के शताब्दी समारोह के राजनीतिकरण पर ग्रामीणों ने आपत्ति जतायी है और उपजिलापाल को मांग पत्र सौंपकर समारोह स्थल पर किसी भी पार्टी के राजनेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है. रायरंगपुर प्रखंड क्षेत्र के दंडबोश गांव में संताली ओल चिकी लिपि के जनक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की जन्मस्थली है. पंडित रघुनाथ मुर्मू मेमोरियल क्लब की स्थापना 2008 में उनके मार्गदर्शन में की गयी थी. समय के साथ इसका राजनीतिकरण हो गया तथा क्लब का दुरुपयोग कुछ लोगों द्वारा किए जाने का आरोप है. 28 मार्च 2025 को दंडबोश के ग्रामीणों द्वारा इसके खिलाफ एक सार्वजनिक बैठक की गयी थी. बैठक में ग्रामीणों की मांग के अनुरूप 12 मई से आयोजित होने वाले संताली ओल चिकी लिपि शताब्दी महासमारोह के आयोजन स्थल पर किसी भी पार्टी के राजनीतिक नेताओं के आने पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया.

ग्रामीणों के निर्णय लेने की ये है वजह

इस संबंध में ग्रामीणों ने पंडित रघुनाथ मुर्मू मेमोरियल क्लब, दंडबोश, गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू हेरिटेज ट्रस्ट, दंडबोश और पारसी सिंज चंद गुरु गोमके महाल माड़वा संगठन को पत्र के माध्यम से सूचित किया है. ग्रामीणों ने बताया कि संतालियों के सामूहिक विकास में आसेका संगठन की सुस्ती और राजनेताओं द्वारा संताली भाषा में सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किये जाने के कारण यह निर्णय लिया गया है.

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उपजिलापाल कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन

ग्रामीणों ने पंडित रघुनाथ मुर्मू चौक से सैकड़ों की संख्या में जुलूस निकालकर उपजिलापाल कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया तथा उपजिलापाल के समक्ष तीन सूत्री मांग पत्र सौंपा. मांगों में कहा गया कि समारोह स्थल पर आदिवासी समाज के माझीबाबा, परगना, सामाजिक कार्यकर्ता और साहित्यकार ओल चिकी लिपि प्रचारक पंडित रघुनाथ मुर्मू द्वारा ओल चिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाये जाने वाले समारोह में भाग ले सकेंगे. दूसरी मांग में बताया गया कि समारोह स्थल पर कोई भी दल का राजनेता न तो संबोधित कर सकता है और न ही वहां जा सकता है. तीसरी मांग में पंडित रघुनाथ मुर्मू मेमोरियल क्लब संगठन की व्यापक समीक्षा के साथ पुनर्गठन की मांग की गयी. मौके पर दंडबोश गांव के माझी बाबा घासीराम मुर्मू, काली चरण किस्कू, तारास युवज मुर्मू, सालू किस्कू, मनी मुर्मू, सीता मुर्मू सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे.

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Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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