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सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान में मिला मुफ्त अनाज का लाभ, गोवा और तेलंगाना में कोई लाभार्थी नहीं

Rajasthan News : जयपुर/नयी दिल्ली : राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त अनाज योजना का लाभ मिला. तेलंगाना और गोवा में कोई लाभार्थी नहीं है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने मई और जून के महीने में, बिना राशन कार्ड वाले 2.14 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज वितरित किया, लेकिन गोवा और तेलंगाना में कोई भी कोई ऐसा मजदूर इस योजना के दायरे में नहीं है.

जयपुर/नयी दिल्ली : राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त अनाज योजना का लाभ मिला. तेलंगाना और गोवा में कोई लाभार्थी नहीं है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने मई और जून के महीने में, बिना राशन कार्ड वाले 2.14 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज वितरित किया, लेकिन गोवा और तेलंगाना में कोई भी कोई ऐसा मजदूर इस योजना के दायरे में नहीं है.

मंत्रालय के आंकड़ों से पता लगा कि गोवा और तेलंगाना जैसे दो राज्यों ने दोनों ही महीनों में मुफ्त अनाज का वितरण नहीं किया, जबकि बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, सिक्किम और लद्दाख जैसे छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जून में अनाज वितरित नहीं किया.

नरेंद्र मोदी सरकार ने 3,500 करोड़ रुपये की लागत से दो महीने के लिए न तो केंद्रीय या राज्य के राशन कार्डों वाले, आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लिए मुफ्त खाद्यान्न देने की घोषणा की थी. उन्हें प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न और एक किलो चना दाल प्रति परिवार दो महीने के लिए आवंटित किया गया था.

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खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अब तक देश भर में 2.14 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया गया है. यह संख्या स्थिर नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘कुछ राज्यों ने पूरा अनाज उठा लिया है, कुछ ने नहीं उठाया, क्योंकि प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य को लौट गये हैं. वहीं, कुछ राज्यों ने अपने आवंटन से अधिक का उठाव किया है, क्योंकि उन राज्यों में प्रवासी मजदूर की संख्या अधिक थी.’

उन्होंने कहा कि दरअसल, गोवा और तेलंगाना सहित छह से सात राज्यों ने केंद्र को पत्र लिखकर सूचित किया है कि वे इस योजना को लागू नहीं कर पायेंगे, क्योंकि प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्यों की ओर लौट गये हैं.

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मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, आठ लाख टन के कुल खाद्यान्न आवंटन का 80 प्रतिशत भाग का उठाव पूरी तरह से 28 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों उठाया. अन्य आठ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने आंशिक उठाव ही किया. हालांकि, ये राज्य अब तक दो महीनों में केवल 1,07,031 टन वितरित करने में कामयाब रहे.

8 करोड़ के मुकाबले 1.21 करोड़ को ही मिला अनाज

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मई के महीने में आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लक्ष्य के मुकाबले 1.21 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को 60,810 टन मुफ्त अनाज वितरित किया गया, जबकि जून में 92.44 लाख प्रवासियों को 46,221 टन अनाज का वितरण किया गया.

मई-जून में अनाज बांटने में राजस्थान अव्वल

मई में, राजस्थान में सर्वाधिक 42.47 लाख लाभार्थियों को मुफ्त अनाज वितरित किया गया, जबकि जून के महीने में भी राजस्थान में अधिकतम 42.47 लाख प्रवासी श्रमिकों को इस योजना का लाभ दिया गया.

12 राज्यों में आवंटन 1 फीसदी से भी कम

सचिव ने कहा कि 12 राज्यों में कुल आवंटन का एक प्रतिशत से भी कम अनाज का वितरण किया गया था, जबकि गोवा और तेलंगाना जैसे राज्यों में यह स्तर शून्य के बराबर था. वितरण का काम सिक्किम, उत्तराखंड, ओड़िशा, पुड्डुचेरी, केरल जैसे राज्यों में पिछड़ रहा है.

हालांकि, उन्होंने योजना के तहत अनाज के वितरण स्तर के कमजोर होने के कारणों का ब्योरा नहीं दिया. लेकिन राज्यों को 15 जुलाई तक लाभार्थियों की सूची जमा करने के लिए कहा गया है.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar Digital Desk
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