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अपने बयानों की वजह से कई बार चर्चा में रहे मशहूर शायर मुनव्वर राणा, जानें कब क्या कहा?

मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार को निधन हो गया. उनका पिछले एक सप्ताह से SGPGI में इलाज जारी था. अब वह केवल यादों में है. लेकिन, कई बार ऐसा हुआ है जब उन्होंने अपने बयानों की वजह से भी सुर्खियां बटोरी.

Munawwar Rana : मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार को निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. मुनव्वर राणा की बेटी सोमैया ने बताया कि उनके पिता का रविवार देर रात लखनऊ स्थित संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया. वह पिछले काफी समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे. उनका पिछले एक सप्ताह से SGPGI में इलाज जारी था. मुनव्वर राणा को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए वर्ष 2014 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सोमैया ने बताया कि मुनव्वर राणा को सोमवार को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. राणा के परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है.

मुनव्वर राणा की नज्म ‘‘मां’’ का उर्दू साहित्य जगत में एक अलग स्थान

हिंदुस्तान के सबसे मशहूर शायरों में शुमार किए जाने वाले मुनव्वर राणा की नज्म ‘‘मां’’ का उर्दू साहित्य जगत में एक अलग स्थान है. “घेर लेने को जब बलाएं आ गई, ढाल बनकर मां की दुआएं आ गईं” मशहूर शायर मुनव्वर राणा का ये शेर हर एक साहित्य प्रेमी को जुबानी याद होगा. इस शेर को पढ़कर मां की ममता का अहसास हो जाता है. मुनव्वर राणा की मां पर लिखी केवल यही एक शायरी नहीं बल्कि सैकड़ों शेर-शायरियां हैं, जो सदियों तक दुनियाभर में हिंदी-उर्दू प्रेमी गाते रहेंगे. हालांकि, अब वह केवल यादों में है. लेकिन, कई बार ऐसा हुआ है जब उन्होंने अपने बयानों की वजह से भी सुर्खियां बटोरी.

बयानों की वजह से विवादों में भी रहे

दुनियाभर में अपनी शायरी से नाम कमाने वाले शायर मुनव्वर राणा कुछ बयानों की वजह से विवादों में भी रहे है. जब किसान आंदोलन चल रहा था तब भी उन्होंने कुछ ऐसी लाइनें लिखी थी जिस वजह से वह विवादों में आ गए थे. संसद को लेकर उनका बयान उनके विवादित बयानों में से एक था. साथ ही कहा जाता है कि राम मंदिर के फैसले पर भी उन्होंने CJI पर सवाल उठाया था. ऐसा कहा जाता है कि मुनव्वर राणा राम मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश थे. उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि इस मामले में कहीं न कहीं हिंदुओं का पक्ष लिया गया है. इस बयान के बाद फिर वह घेरे में आ गए थे.

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‘दुबारा सीएम बने तो यूपी छोड़ दूंगा’

साथ ही बता दें कि उन्होंने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ये ऐलान कर दिया था कि अगर योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वह यूपी छोड़ देंगे. जब चुनावों में बीजेपी की शानदार जीत मिली थी और योगी आदित्यनाथ फिर सीएम बने, तो सोशल मीडिया पर मुनव्वर राणा का बयान काफी वायरल हुआ था. साथ में एक बार फ्रांस के चर्चित कार्टून विवाद में मुनव्वर ने स्कूल टीचर की गला रेतकर हत्या की घटना को जायज ठहराया था. जिसपर बहुत भारी विवाद हुआ था.

कई पुरस्कार से हैं सम्मानित

मुनव्वर राणा को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था जिन्होंने मां पर विभिन्न शेर-शायरी लिखी है. इसके अलावा, उन्हें माटी रत्न सम्मान, कविता का कबीर, अमीर खुसरो अवॉर्ड, और गालिब अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है. साहित्य क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान पर रहने वाले मुनव्वर राणा ने एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें ‘मां’, ‘गजल गांव’, ‘पीपल छांव’, ‘बदन सराय’, ‘नीम के फूल’, ‘सब उसके लिए’ और ‘घर अकेला हो गया’ शामिल हैं.

Aditya kumar
Aditya kumar
I adore to the field of mass communication and journalism. From 2021, I have worked exclusively in Digital Media. Along with this, there is also experience of ground work for video section as a Reporter.

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