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फतेहपुर सामूहिक धर्मांतरण केस में 60 करोड़ की विदेशी फंडिंग, बोर्ड मेंबर ने बयान कराए दर्ज, कसेगा शिकंजा…

सदर कोतवाली में प्रयागराज के लूकरगंज निवासी डॉ. आईजैक फ्रेंक ने स्वतंत्र गवाह के रूप में अपना बयान दिया है. डॉ. फ्रैंक यूनिवर्सिटी के बोर्ड मेंबर हैं. उन्होंने खुलासा किया कि यूनिवर्सिटी में पांच साल पहले डायरेक्टर विलसन किसपोटा थे. विवेचक ने बोर्ड मेंबर को स्वतंत्र गवाह मानकर बयान दर्ज किए हैं.

Kanpur: प्रदेश के फतेहपुर जनपद में धर्मांतरण पर बड़ा खुलासा हुआ है. सामूहिक धर्मांतरण केस में 60 करोड़ की विदेशों से फंडिंग के सबूत मिले हैं. अमेरिका, लंदन, कनाडा और पाकिस्तान से ये फंडिंग की बात सामने आई है. बोर्ड मेंबर ने विभिन्न बैंकों के 72 खातों की जानकारी दी है. इन खातों में ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार करने के नाम पर ये रुपये मंगाए गए. विवेचक ने बोर्ड मेंबर को स्वतंत्र गवाह मानकर बयान दर्ज किए हैं.

56 लोगों पर एफआईआर हुई है दर्ज

पुलिस ने हरिहरगंज इवेंजलिकल चर्च में 15 अप्रैल 2022 को सामूहिक धर्मांतरण को लेकर 56 लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी. जांच में सामने आया है कि धर्मांतरण की फंडिंग के तार प्रयागराज नैनी सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी आर्फ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एंड साइंस (शुआट्स) प्रबंध समिति से जुड़े हैं. इसके बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी के चांसलर जॉटी आलिवर, वाइस चांसलर आरबी लाल और प्रबंध निदेशक विनोद बी लाल समेत चार को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है.

वाइस चांसलर सहित तीन पहले भी जा चुके हैं जेल

जानकारी के मुताबिक अभी तक इसमें निदेशक ही बयान दर्ज करा सके हैं. सदर कोतवाली में प्रयागराज के लूकरगंज निवासी डॉ. आईजैक फ्रेंक ने स्वतंत्र गवाह के रूप में अपना बयान दिया है. विवेचक अमित मिश्रा के मुताबिक डॉ. फ्रैंक यूनिवर्सिटी के बोर्ड मेंबर हैं. डॉ. फ्रैंक ने खुलासा किया कि यूनिवर्सिटी में पांच साल पहले डायरेक्टर विलसन किसपोटा थे. उनका आईसीआईसी बैंक में 24 करोड़ रुपये जमा था. वाइस चांसलर, सोसाइटी के निदेशक रंजन जान, स्टीफन दास ने धोखाधड़ी कर किसपोटा के रुपये हड़प लिए थे. इसे लेकर तीनों 31 अक्तूबर 2018 को जेल गए थे.

वाइस चांसलर के खाते में आए थे पांच लाख डालर

इसके पहले 2003 में अमेरिका से पांच लाख डालर आरबी लाल के खाते में आए थे. इन रुपयों से लखनऊ, मीरजापुर, बंगलूर, रुड़की, अजमेर, इटावा, न्यूयार्क तक यीशू दरबार खोले गए. इसके बाद ईसाई मिशनरी का देश में उत्पीड़न होने का हवाला देकर आरबी लाल ने कनाडा के विशप फिल की पत्नी डायना से 2013-14 करीब पांच करोड़ रुपये मांगे थे. रुपयों से धार्मिक प्रचार प्रसार के लिए रायबरेली जिले में थियोलॉजी शिक्षण संस्थान खोला गया.

पाकिस्तान से मांगी गई आर्थिक मदद

इसके अलावा 15 मार्च 2005 को पाकिस्तान के सियाल कोट कैंट से आर्थिक मदद मांगी थी. रकम आरबी लाल के आईडीबीआई, बीओबी, साउथ इंडियन बैंक, पीएनबी समेत अन्य बैंक खातों में आईं. कुल 72 बैंक खातों की जानकारी दी है.

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एटीएस ने की थी इस बिंदु पर जांच

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन आईएसआई से जुड़ाव होने की आशंका पर एटीएस ने जांच की थी. एग्रीकल्चर कैंपस में धर्मांतरण में चंगाई सभाएं किए जाने का दावा किया गया है. डॉ. फ्रैंक ने एक विधायक के जरिए 2013 में विधानसभा में इनके खिलाफ प्रश्न कराकर जांच की मांग की थी.

शुआट्स ने उठाये सवाल

वहीं शुआट्स पीआरओ रमाकांत दुबे ने डॉ. आईजैक फ्रेंक के खुलासे पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि फ्रैंक यूनिवर्सिटी में कोआर्डिंनेटर के पद पर थे. उन्हें यूनिवर्सिटी के विरुद्ध कार्यों के चलते नौकरी से निकाला जा चुका है. इसी वजह से वह यूनिवर्सिटी प्रबंध समिति की खिलाफ आरोप लगा रहे हैं.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी

Prabhat Khabar News Desk
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