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Coronavirus : पहली बार वृंदावन के श्री गोदा-रंग मन्नार मंदिर में रथ खींचने की परंपरा टली

कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए वृंदावन के श्री गोदा-रंग मन्नार मंदिर में चल रहे ब्रह्मोत्सव के दौरान रथ को खींचे जाने की परंपरा टाल दी गयी है. मंदिर की स्थापना के पौने दो सौ साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.

मथुरा : कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए वृंदावन के श्री गोदा-रंग मन्नार मंदिर में चल रहे ब्रह्मोत्सव के दौरान रथ को खींचे जाने की परंपरा टाल दी गयी है. मंदिर की स्थापना के पौने दो सौ साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. वृंदावन के श्री गोदा-रंग मन्नार मंदिर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनघा श्रीनिवासन ने गुरुवार को बताया कि मंदिर में चल रहे ब्रह्मोत्सव कार्यक्रमों के तहत भगवान रंगनाथ की रथयात्रा में हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं के शामिल होने व उसके पहियों में बंधे बड़े-बड़े रस्सों को खींचकर रथ को मंदिर से बागीचे तक ले जाने वाली ‘रथयात्रा’ के स्वरूप में परिवर्तन कर भगवान को रथ पर विराजमान कराया गया, परंतु दूर से ही दर्शन करने की व्यवस्था रखी गयी. हालांकि, रथ को खींचे जाने की परंपरा टाल दी गयी.

पौने दो सौ साल में पहली बार हुआ

यह इस मंदिर की स्थापना के पौने दो सौ साल में पहली बार हुआ है. वहीं, दुनिया भर के कृष्णभक्तों के आकर्षण का केंद्र माने जाने वाले श्रीकृष्ण जन्मस्थान में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी के साथ-साथ दर्शन का समय भी घटा दिया गया है. यह जानकारी मंदिर के सचिव कपिल शर्मा ने दी. केशोपुरा स्थित प्राचीन केशव देव मंदिर में सुबह 10 से 11 बजे तक होने वाली कथा के साथ शाम 5 से 6 बजे तक होने वाले सामूहिक कीर्तन को बंद कर दिया गया है.

मंदिर में दर्शनों के समय में परिवर्तन

मीडिया प्रभारी नारायण प्रसाद शर्मा के अनुसार दर्शन में 15 मिनट कटौती कर दी गयी है जिससे दर्शनार्थियों का दबाव कम से कम रहे. ठा. द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया एवं विधि प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया, ‘बुधवार सुबह से मंदिर में दर्शनों के समय में परिवर्तन कर दिया गया है. प्रत्येक सेवा के दौरान मंदिर खुलने का समय तो वही रखा है परंतु दर्शन बंद करने का समय 15 मिनट पूर्व कर दिया गया है.”

कोरोना वायरस के चलते और भी ज्यादा सतर्कता बरतने के दिये गये निर्देश

उन्होंने बताया, ‘‘मंदिर के गर्भगृह में रहकर सेवा-पूजा करने वालों को कोरोना वायरस के चलते और भी ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं. वे अब बहुत ज्यादा आवश्यक होने की स्थिति में ही मंदिर परिसर से बाहर जा सकेंगे. इसी प्रकार, वे भक्तों से सीधे माला या अन्य कोई सामग्री स्वीकार नहीं करेंगे. इसके लिए एक टोकरी का प्रयोग करेंगे और भक्तों से पुष्प, द्रव्य व सामग्री टोकरी में ही अर्पित करवायी जायेगी.”

कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए पाठ और हवन का आयोजन

कपिल शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से मुक्ति और समग्र समाज को संकट मुक्त रखने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण जन्मस्थान में बुधवार को सुदर्शन कवच का पाठ और हवन का आयोजन हुआ. इसमें रोगमुक्ति और विश्व शांति के लिए आहुतियां दी गयीं. जन्मस्थान में श्रद्धालुओं की संख्या काफी घट गयी है.

मथुरा के मंदिरों को किया जा रहा है संक्रमण मुक्त

सूत्रों ने बताया कि श्रीधाम राधाकुंड के मंदिर और गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में भी श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी दिखाई दे रही है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोरोना वायरस को देखते हुए मथुरा के मंदिरों को संक्रमण मुक्त किया जा रहा है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित द्वारिकाधीश मंदिर, प्राचीन केशवदेव व बिड़ला मंदिर को संक्रमण मुक्त किया गया. वृन्दावन में भी ठा. बांकेबिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर आदि में लगातार सेनेटाइजेशन कार्य कराया जा रहा है. हर बार मंदिर बंद होने व खुलने से पूर्व भली प्रकार साफ-सफाई करायी जा रही है.

Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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