Janeshwar Mishra Park: उत्तर प्रदेश भारत का वह राज्य है, जिसे उसकी धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है. यहां भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या से लेकर कृष्ण जन्मभूमि मथुरा और ताजमहल जैसे विश्व प्रसिद्ध स्मारक मौजूद हैं. यूपी में कदम-कदम पर इतिहास और परंपरा की झलक दिखाई पड़ती है. इसके अलावा, यूपी में ही एशिया का सबसे बड़ा पार्क है, जहां रोजाना हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं.
लखनऊ में है एशिया का सबसे बड़ा पार्क
एशिया का सबसे बड़ा पार्क उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में स्थित है. इस पार्क का नाम जनेश्वर मिश्र पार्क है, जो कि अपनी खूबसूरती से सैलानियों का मन मोह लेती है. 376 एकड़ में फैला जनेश्वर मिश्र पार्क 2014 में बनकर तैयार हो गया था, जिसमें कई प्रजातियों के पक्षी, फूल और मछलियां हैं.

पार्क में है खास तरह की नाव
जनेश्वर मिश्र पार्क में एक विशेष प्रकार का नाव, जिसे गोंडोला नाव कहते हैं. सैलानी इसका आनंद ले सकते हैं. कहा जाता है कि इस नाव की शुरू इटली के वेनिस शहर में हुई थी, जिसे बनाने के लिए एक खास प्रकार की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इस नाव का आकार भी अन्य नावों के बदले दूसरी तरह होती है, जो कि देखने में बहुत आकर्षक लगती है. ऐसा माना जाता है कि यह नाव अगर 20 साल पानी में रहे, तो भी खराब नहीं होगी. हालांकि, इस नाव को बनाने में करीबन 16 लाख रुपए का खर्च आता है.
मनमोहने वाला वाटर स्क्रीन शो
इस पार्क का वाटर स्क्रीन शो आंखों को सुकून पहुंचाने वाला होता है. लेजर शो के जरिए पानी की सतह पर रंग-बिरंगे तस्वीरे बनाई जाती है, जो कि हवा में तैरती हुई दिखाई देती हैं. इसके अलावा, इस पार्क में छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक के हर तरह के लोगों के मनोरंजन के साधन जैसे डांस स्टेज, फुटबॉल मैदान, साइकिल ट्रैक, जॉगिंग ट्रैक और टेनिस कोर्ट मौजूद हैं.

रख-रखाव में हर साल 20 करोड़ खर्च करती है सरकार
जनेश्वर मिश्र की आधारशिला साल 2012 में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने रखी थी, जिसको बनाने में लगभग 168 करोड़ रुपए का खर्च लगा है. खास बात यह है कि इस पार्क को लंदन के हाइड पार्क की तर्ज पर बनाया गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पार्क के देख-रेख में हर साल सरकार का लगभग 20 करोड़ रुपए खर्च आता है.
