27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

निघासन कांड: दो नाबालिग बहनों के गैंगरेप-मर्डर में आज सजा का ऐलान, चार आरोपी हुए हैं दोषी करार, जानें मामला

लखीमपुर खीरी के निघासन कांड में पुलिस ने चौदह दिन बाद आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए थे. अदालती सुनवाई के दौरान 12 गवाह पेश किए गए थे. मौके पर मिले पर्स, आधार कार्ड और आरोपियों के गमछे सबूत के तौर पर बेहद अहम साबित हुए, वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दोनों बहनों की गला कसकर हत्या करने की पुष्टि हुई.

Lucknow: उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी के चर्चित निघासन कांड में आज आरोपियों को सजा का ऐलान किया जाएगा. करीब 11 महीने बाद कोर्ट दोषिायों को सजा सुनाएगी, उन्हें दोषी करार दिए जाने के बाद से ही कोर्ट के फैसले पर लोगों की नजरें टिकी हुई है.

11 अगस्त को कोर्ट ने दोषी किया करार

ये प्रकरण उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सुर्खियों में छाया रहा था. लखीमपुर खीरी की अनुसूचित जाति की दो बहनों को सरेआम घर से अगवा कर ले जाने के बाद दुष्कर्म और फिर उनकी हत्या करने के मामले में कोर्ट ने 11 अगस्त को चार अभियुक्तों को दोषी करार कर चुका है. इनमें सोमवार को दोषी आरिफ, करीमुद्दीन, जुनैद और सुनील उर्फ छोटू को सजा सुनाई जाएगी.

यह घटना 14 सितंबर 2022 को निघासन थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी. दुष्कर्म और हत्या के बाद दोनों बहनों के शव बाग में पेड़ से लटका दिए गए थे. घटना की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी. कुल छह आरोपियों को जेल भेजा गया था. इनमें से 16 वर्ष से अधिक उम्र के एक किशोर अपचारी की भूमिका पर भी कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुना सकता है.

वहीं छठे आरोपी के किशोर होने के कारण उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है. अदालत ने जुनैद और सुनील को हत्या व दुष्कर्म का और करीमुद्दीन उर्फ डीडी व आरिफ को साक्ष्य मिटाने का दोषी करार दिया है.

Also Read: Independence Day 2023: वो तारीखें जो बनी इतिहास का अमिट हस्ताक्षर, इनके बिना अधूरा है स्वतंत्रता आंदोलन
मात्र 14 दिन में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल

इस प्रकरण में पुलिस ने चौदह दिन बाद आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए थे. अदालती सुनवाई के दौरान 12 गवाह पेश किए गए थे. मौके पर मिले पर्स, आधार कार्ड और आरोपियों के गमछे सबूत के तौर पर बेहद अहम साबित हुए, वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दोनों बहनों की गला कसकर हत्या करने की पुष्टि हुई. इसके अलावा वैज्ञानिक साक्ष्य में भी गैंगरेप की बात सामने आई.

सुर्खियों में छाया रहा निघासन कांड

इस प्रकरण में शाम के वक्त दो मोटर साइकिलों से आए छह लोग जब दोनों बहनों को अगवा कर ले गए थे, तब उसके दो घंटे बाद ही बाग में उनके शव एक ही फंदे से लटकते हुए मिले थे. इसके बाद लोगों में बेहद आक्रोश देखने को मिला था. पुलिस और प्रशासन के खिलाफ लोगों की नाराजगी काफी बढ़ गई थी. मामले में आला अफसरों को हस्तक्षेप करना पड़ा. बाद में शासन स्तर पर भी पूरे मामले को लेकर निर्देश दिए गए.

आलाधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अभियोजन कार्यवाहियों के लिए खुद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की मॉनिटरिंग में एडीजीसी बृजेश पांडेय को मुख्य जिम्मेदारी सौंपी गई. बचाव पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश सिंह मुन्ना के आने के बाद एडीजीसी संजय सिंह को भी अभियोजन टीम में शामिल किया गया था. वहीं, पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट के वकील एसके सिंघानियां को अलग से पैरवी के लिए नियुक्त किया.

126 पेज में दोषियों का गुनाह तय

कोर्ट में सुनवाई के दौरान परिजन समेत 15 लोगों की गवाही हुई, दस्तावेज से संबंधित 24 साक्ष्य सौंपे गए. इसके अलावा 40 वस्तु जनित साक्ष्य भी अदालत में प्रस्तुत किए गए. दोनों बहनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आयु प्रमाणपत्र, कपड़ों को बतौर साक्ष्य शामिल किया गया. इसके आधार पर अदालत ने 126 पेज में दोषियों के गुनाह तय किए.

इनकी गवाही रही अहम

इस केस में अदालत में मृतक दोनों बहनों की मां की गवाही अहम रही. मां ने अभियुक्तों को पहचानते हुए अदालत में बताया था कि उनकी आंखों के सामने ही दबंग उनकी बेटी को खींच ले गए थे. इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृतक बहनों के शरीर पर चोटें मिलना व गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई. एफएसएल रिपोर्ट में अभियुक्त का पॉजिटिव आना भी दोष सिद्धि का बड़ा कारण बना. परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की भी अहम भूमिका रही.

जातिगत उत्पीड़न के आरोप नहीं हुए साबित

निघासन कांड में प्रमुख रूप से दलित उत्पीड़न को आधार बनाकर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश सिंह मुन्ना ने अनुसूचित जाति होने की वजह से ही किए गए अपराध या सार्वजनिक रूप से बिरादरी का अपमान करने के मामले में ही दलित धाराएं आकृष्ट होने की दलील दी थी. रिपोर्ट में सुनील उर्फ छोटू के साथ अज्ञात व्यक्तियों को नामजद किया गया था. हालांकि कोर्ट में कहा गया कि जब आरोपियों को पीड़ित जानती ही नहीं थी, तो जातिगत उत्पीड़न की बात कैसे कही जा सकती है. कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि दलित होने के कारण ऐसी घटना नहीं हुई है.

निर्भया कांड के बाद ये हुआ बदलाव

खास बात है कि निर्भया कांड के बाद किशोर अपचारियों को दो भागों में बांट दिया गया था, जिसमें एक वर्ग 18 वर्ष से कम लेकिन 16 वर्ष से अधिक का है. दूसरे वर्ग में ऐसे अपचारी किशोरों को सम्मिलित किया गया है, जो 16 वर्ष की आयु से कम हों. इनका मामला किशोर न्याय बोर्ड में चलेगा. लेकिन, प्रथम श्रेणी वाले किशोर अपचारियों के मामले अपर जिला जज की अदालत में ही चलने की बात कही गई है. इस वजह से पांचवे आरोपी का मुकदमा एडीजे राहुल सिंह प्रथम की अदालत में ही चल रहा है. जिसमें सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तारीख मुकर्रर की गई है.

केस से जुड़े अहम घटनाक्रम

  • 28 सितंबर 2022 – आरोपपत्र दाखिल किया गया.

  • 29 सितंबर 2022- आरोपपत्र पर संज्ञान लिया गया.

  • 30 सितंबर 2022- अभियुक्तगण पर आरोप तय किए गए.

  • 03 अक्तूबर 2022- वादी मुकदमा मृतका की मां के बयान दर्ज किये गए.

  • 11 अक्तूबर 2022- अभियोजन गवाह प्रथम से जिरह शुरु हुई.

  • 20 अक्तूबर 2022- अभियोजन गवाह-दो अरविंद की मुख्य परीक्षा अंकित की गई.

  • 31 अक्तूबर 2022- किशोर अपचारी प्रार्थनापत्र जुनैद की पत्रावली पर सुनवाई हुई.

  • 01 नवंबर 2022- अभियोजन गवाह-तीन रामपाल की मुख्य परीक्षा अंकित की गई.

  • 23 मार्च 2023- प्रार्थनापत्र धारा 34 2 पॉक्सो एक्ट निरस्त किया गया.

  • 11 अप्रैल 2023- अभियोजन द्वारा शेष साक्षीगणों को छोड़ने का प्रार्थनापत्र दिया गया, और अभियोजन साक्ष्य को समाप्त किया.

  • 24 अप्रैल 2023- अभियुक्तों के बयान के अन्तर्गत धारा 313 बनाए गए.

  • 27 अप्रैल 2023- अभियुक्तों को साक्ष्य का अवसर दिया गया. बचाव पक्ष की गवाह एक सरोजनी का साक्ष्य अंकित किया गया.

  • 01 मई 2023 से 18 मई 2023 तक बचाव पक्ष द्वारा कोई सफाई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया.

  • 19 मई 2023- अभियुक्त जुनैद द्वारा धारा 293 के तहत विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ के वैज्ञानिकों को तलबी का प्रार्थनापत्र दिया, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया. तक अभियुक्त के अधिवक्ता ने सफाई साक्ष्य समाप्त किया.

  • 20 मई 2023- अभियुक्त सुनील उर्फ छोटू के अधिवक्ता ने सफाई साक्ष्य समाप्त किए.

  • 22 मई 2023- अभियोजन पक्ष ने बहस शुरू की.

  • 31 मई 2023- अभियोजन बहस समाप्त हुई.

  • 12 जून 2023- अभियुक्त सुनील उर्फ छोटू की तरफ से बहस शुरू हुई.

  • 17 जून 2023- अभियुक्त सुनील उर्फ छोटू की तरफ से बहस पूरी हुई.

  • 20 जून 2023- अभियुक्त जुनैद की तरफ से बहस शुरू की.

  • 07 अगस्त 2023- आरिफ व करीमुद्दीन की बहस शुरू हुई और बहस पूरी.

  • 11 अगस्त 2023- फैसले की तारीख तय की गई, फैसला सुरक्षित रखा गया.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel