Lucknow Model Chaiwali News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता और पुलिस के बीच हुई झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला पुलिसकर्मी सिमरन को जबरन खींच रही है, जबकि सिमरन इस व्यवहार का विरोध कर रही हैं.
सिमरन का आरोप: पुलिस ने की बदसलूकी और दुर्व्यवहार
सिमरन गुप्ता का आरोप है कि पुलिस ने न सिर्फ उनके साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि चौकी में भी उनसे अमर्यादित भाषा में बात की गई और चौकी इंचार्ज ने उनके साथ गलत तरीके से व्यवहार किया. उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई तब की गई जब वह दुकान बंद करके अपने नए दुकान पर वर्कर के साथ बैठ कुछ डिस्कशन कर रही थी.

पुलिस की सफाई: नियम उल्लंघन पर की गई कार्रवाई
लखनऊ पुलिस का कहना है कि चेतावनी के बावजूद सिमरन ने तय समय सीमा के बाद भी दुकान खुली रखी थी, इसलिए कार्रवाई की गई. हालांकि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राम-राम बैंक पुलिस चौकी के इंचार्ज आलोक कुमार और कांस्टेबल अभिषेक यादव को लाइन हाजिर कर दिया गया है. मामले की जांच एसीपी अलीगंज को सौंपी गई है.
चौकी में धमकी, ज़बरदस्ती और ‘बैड टच’ का आरोप
सिमरन गुप्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनके वर्कर को जबरन पुलिस चौकी ले जाया गया, जहां वर्कर से डर और धमकी के जरिए कुछ दस्तावेजों पर ज़बरदस्ती साइन करवाए गए. सिमरन का कहना है कि इसी दौरान चौकी इंचार्ज ने न सिर्फ उनसे अभद्र भाषा में बात की, बल्कि उनके साथ ‘बैड टच’ जैसा अमर्यादित और शर्मनाक व्यवहार भी किया.
मॉडल से बनीं चायवाली: प्रेरणादायक है सिमरन की कहानी
सिमरन गुप्ता ने 2018 में ‘मिस गोरखपुर’ का खिताब जीता था. उन्होंने मॉडलिंग में भी अच्छा काम किया, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान काम प्रभावित हुआ. आर्थिक हालात को देखते हुए उन्होंने ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से चाय का स्टॉल शुरू किया. गोरखपुर में सफलता के बाद उन्होंने लखनऊ में इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर अपना ठिकाना बनाया और अपनी पहचान बना ली.
राजनीतिक विरोधियों ने उठाए सवाल
इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस ने इस घटना पर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं और महिला सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.

सिमरन की मांग: दोषी पुलिसकर्मियों को मिले सजा
सिमरन ने साफ तौर पर कहा है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को केवल लाइन हाजिर नहीं बल्कि सस्पेंड किया जाना चाहिए ताकि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने की किसी की हिम्मत न हो. उन्होंने मांग की है कि महिला पुलिस के हाथों महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएं.