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मरम्मत में घोटाला: समाज कल्याण मंत्री ने दो अफसर किए सस्पेंड, मुकदमे के आदेश

LUCKNOW: समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बाराबंकी में छात्रावास मरम्मत में गड़बड़ी पर समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा और अधीक्षक मनोज कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. निरीक्षण में बिना कार्य कराए बजट खर्च मिलने पर यह कार्रवाई हुई.

LUCKNOW: समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बाराबंकी जिले में समाज कल्याण विभाग की गंभीर लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई की है. मंत्री ने बाराबंकी जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा और रामनगर पीजी कॉलेज छात्रावास के अधीक्षक मनोज कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. साथ ही दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं.

छात्रावास की मरम्मत में 5 लाख की अनियमितता


दरअसल, रामनगर पीजी कॉलेज परिसर में स्थित समाज कल्याण विभाग के छात्रावास की मरम्मत के लिए शासन से 5 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था. इस बजट का अधिकांश भाग खर्च कर दिया गया, लेकिन मौके पर जब निरीक्षण किया गया तो सामने आया कि मरम्मत कार्य या तो हुए ही नहीं थे या बहुत ही नाममात्र में किए गए थे.

निरीक्षण के दौरान खुली पोल


समाज कल्याण मंत्री रामनगर पीजी कॉलेज के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. कार्यक्रम के बाद उन्होंने परिसर में ही बने समाज कल्याण छात्रावास का अचानक निरीक्षण किया। छात्रावास की स्थिति अत्यंत गंदगी भरी और उपेक्षित मिली. इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और मौके पर मौजूद अधिकारियों से सफाई मांगी.

जवाब नहीं दे पाए अधिकारी


जब मंत्री असीम अरुण ने छात्रावास में 5 लाख रुपये की मरम्मत के बदले किए गए कार्यों की जानकारी मांगी, तो समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा ने कागजों पर दर्ज कार्यों की सूची पेश की. मंत्री ने सूची लेकर एक-एक कार्य को मौके पर जाकर मिलान करना शुरू किया. परंतु जब देखा गया कि ज्यादातर कार्य जमीन पर हुए ही नहीं हैं, तो अधिकारी निरुत्तर हो गए.

फर्जी भुगतान पर मुकदमे के आदेश


मंत्री असीम अरुण ने इस गंभीर लापरवाही को आर्थिक अनियमितता मानते हुए दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जनता के पैसों से इस प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

जांच सौंपी गई अपर निदेशक को


समाज कल्याण विभाग की इस चूक की जांच की जिम्मेदारी अब अपर निदेशक समाज कल्याण को सौंपी गई है. उन्हें इस मामले की विस्तृत जांच करके दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति करने के निर्देश दिए गए हैं.

मुख्यालय से संबद्ध की गईं सुषमा वर्मा


निलंबन के बाद सुषमा वर्मा को तत्काल प्रभाव से मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. इसका मतलब है कि उन्हें बाराबंकी के किसी प्रशासनिक कार्य में कोई भूमिका नहीं दी जाएगी जब तक कि जांच पूरी नहीं हो जाती.

मंत्री ने दिए पारदर्शिता के निर्देश


असीम अरुण ने विभाग के अन्य अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी योजनाओं और बजट के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि समाज के वंचित वर्गों के हित के लिए बनाई गई योजनाओं में गड़बड़ी करना घोर अपराध है.

स्थानीय जनता में रोष


इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्थानीय लोगों और छात्रों में रोष व्याप्त है. छात्रों का कहना है कि उन्हें महीनों से खराब स्थिति में रहना पड़ रहा था, जबकि बजट मिलने की जानकारी उन्हें पहले ही थी. अब जब मंत्री ने खुद इसका संज्ञान लिया है, तब जाकर कार्रवाई हुई है. समाज कल्याण विभाग में हुई इस कार्रवाई को एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है. यह मामला अन्य जिलों के अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी बन सकता है कि यदि सरकारी बजट का दुरुपयोग या कागजी कार्यवाही में गड़बड़ी की गई तो सख्त कदम उठाए जाएंगे.

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