UP Primary School Merger: उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्जर की नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. SC की तरफ से सोमवार को सुनवाई के लिए सहमति दे दी गई है. यह याचिका तैय्यब खान सलमानी ने दाखिल की है, जिसमें 16 जून को जारी योगी सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है.
105 स्कूल होंगे प्रभावित
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार कम छात्र संख्या वाले 100 से ज्यादा प्राथमिक स्कूलों को अन्य विद्यालयों में विलय करने का फैसला किया गया है. इसी के खिलाफ याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रदीप यादव ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ से तत्काल सुनवाई की मांग की. वकील ने तर्क दिया कि अगर आदेश पर रोक नहीं लगी तो 105 प्राथमिक स्कूल बंद हो जाएंगे, जिससे हजारों बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर होंगे और उन्हें दूर के स्कूलों में पढ़ने के लिए जाना पड़ेगा.
सुनवाई के लिए तैयार सुप्रीम कोर्ट
2 जजों की पीठ ने इस मामले को इसी हफ्ते लिस्ट करने पर सहमति जताते हुए कहा कि भले ही यह नीतिगत फैसला हो, लेकिन अगर सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं, तो यह गंभीर मसला है और कोर्ट इसकी सुनवाई के लिए तैयार है.
हाईकोर्ट ने याचिका की थीं खारिज
याचिकाकर्ता ने बताया कि इस आदेश को पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन 7 जुलाई को याचिका को खारिज कर दिया गया था. याचिका में तर्क दिया गया कि राज्य सरकार का यह फैसला मनमाना और अनुच्छेद 21A के तहत बच्चों के नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है.
शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा असर
याचिका में कहा गया है कि 2009 के शिक्षा अधिकार अधिनियम और राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक, एक किलोमीटर के दायरे में स्कूल न होने की स्थिति में 300 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती में स्कूल स्थापित किया जाना चाहिए. ऐसे में स्कूलों का यह विलय शिक्षा व्यवस्था को सीधे प्रभावित करेगा.