22.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

WB News : पानागढ़ में बिहारी किसानों को रिझाने में जुटी तृणमूल कांग्रेस

WB News : किसानों का कहना है की मौजूद सरकार से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला. केवल वोट बैंक के रूप में व्यवहार करने के लिए नेता हर बार चुनाव में आते है कोरा आश्वाशन देते है, सब्जबाग दिखाते है और चुनाव जीतने के बाद हमारी समस्या को भूल जाते है.

पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव (LOk Sabha Election 2024) की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों का चुनावी प्रचार शुरू हो गया है. हर दल के प्रार्थी और उसके कार्यकर्ता अपने -अपने स्तर पर मतदाताओं को लुभाने में जुड़े हुए है. वाम मोर्चा सरकार के समय अंडाल से लेकर त्रिवेणी तक दामोदर नदी के किनारे बसे बिहार, यूपी के रहने वाले किसान भाइयों को मौजूद सरकार पट्टा देकर बसाई थी. वाम मोर्चा सरकार के जाने के बाद इन किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. गत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन बिहारी किसानों को समेटना शुरू किया. इसके बाद उक्त किसान भाजपा की ओर रुख कर गए थे. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में बर्दवान दुर्गापुर के हिंदी भाषी तृणमूल कांग्रेस के प्रार्थी पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद और उनकी बिहार से पहुंची टीम बिहारी किसानों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जुट गई है.

लोकसभा चुनाव के दौरान कीर्ति आजाद की अनूठी पहल

इस कार्य में जिला तृणमूल कांग्रेस हिंदी प्रकोष्ठ को लगाया गया है. हालांकि गत पंचायत चुनाव में इन बिहारी किसानों को उनके मताधिकार से भी वंचित रखा गया था. जिसे लेकर शासक दल के खिलाफ इन बिहारी किसानों का गुस्सा कायम था. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में कीर्ति आजाद इन बिहारी किसानों को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हुए है. पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा थाना के अमला जोड़ा ग्राम पंचायत के गांगबिल डांगा और पलाश डांगा, माना आदि गांव के साथ ही बुदबुद थाना क्षेत्र के कस्बा स्थित सोदपुर माना, फतेहपुर,गौतमपुर ,काठ गोला,तिल डांगा आदि में बसे बिहारी किसानों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कीर्ति आजाद की टीम तृणमूल हिंदी प्रकोष्ठ के साथ प्रचार करने में जुटे हुए है. हालांकि ये किसान कीर्ति आजाद की टीम से मिल रहे है. अपनी तकलीफों को भी बता रहे है.

Mamata Banerjee : बेंगलुरु ब्लास्ट पर बोलीं ममता बनर्जी, बंगाल में छिपे अभियुक्तों को राज्य पुलिस ने 2 घंटे में किया गिरफ्तार

किसानों का आरोप मौजूद सरकार से नहीं मिला कोई लाभ

किसानों का कहना है की मौजूद सरकार से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला. सोदपुर माना के किसान प्रभु नाथ चौधरी का कहना है की देश की आजादी के बाद 1954 में उनके पिता बंगाल रोजी रोजगार के लिए आए थे. मूल रूप से मल्हार बिन जाति के होने के कारण ये लोग जीवन यापन के लिए दामोदर नदी के किनारे जंगल साफ कर रहने लगे. मछली पकड़ने और खेती का काम शुरू किया. सीपीएम सरकार के आने के बाद जो बिहारी किसान जिस भूमि पर खेती करते थे उन्हें उसका अधिकार पट्टे के रूप में दिया गया था. प्रभु नाथ का कहना है की सीपीएम सरकार के समय उन्हें प्राकृतिक कारणों से फसलों के नुकसान होने पर मुवाजना और बीज, खाद आदि भी मिलता था. मौजूद बर्दवान जिले के एकमात्र हिंदी भाषी सीपीएम नेता पारस नाथ तिवारी का हर समय हाथ हमलोगों पर बना रहता था.

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की अपील- दंगा भड़काने वालों के जाल में नहीं फंसना है

किसानों का कहना है कि वाम मोर्चा सरकार ने हमारा दिया साथ

वाम मोर्चा सरकार के जाने और सीपीएम नेता के निधन के बाद हमारी समस्याओं को कोई पूछने वाला नहीं मिला. लेकिन वाम मोर्चा सरकार के जाने बाद मौजूद शासक दल की ओर से प्राकृतिक कारणों से फसलों के नुकसान पर हम लोगों को कभी मुआवजा नहीं मिला. सिंचाई के लिए वैरागी खाल को संस्कार और हमारे गांव तक नही पहुंचा गया. गांव में मौजूद प्राथमिक विद्यालय आठवीं कक्षा तक होने के बावजूद शिक्षक के अभाव में हमारे बच्चे दस किलोमीटर दूर बुदबुद पढ़ने को जाते है. सरकारी योजनाओं का लाभ भी समूचा हमारे गांव के लोगों को नही मिलता है. केवल लक्ष्मी भंडार और स्वास्थ्य साथी कार्ड हम लोगों को मिला है.किसानी से संबंधित समस्या बनी हुई है. हम बिहारी किसानों के साथ भेद भाव किया जाता है.

WB News : अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल पर कसा तंज, ममता बनर्जी को अपनी तुलना केजरीवाल व सोरेन से नहीं करनी चाहिए

हर बार चुनाव में मिलता है वादों का आश्वासन

गांव के लोगों का कहना है कि उन लोगों को केवल वोट बैंक के रूप में व्यवहार करने के लिए नेता हर बार चुनाव में आते है कोरा आश्वाशन देते है, सब्जबाग दिखाते है और चुनाव जीतने के बाद हमारी समस्या को भूल जाते है. इस बार भी भाजपा के प्रार्थी दिलीप घोष के लोग मेदिनीपुर से आए थे. अब कीर्ति आजाद के लोग हमारे गांव में आकर हम लोगों से मिल रहे है. हमारी समस्या को सुन रहे है वोट देने को कहा जा रहा है. लेकिन इस बार बिहारी किसान आंतरिक रूप से एक जुट हो रहे है. इस बार लोकसभा चुनाव में ये बिहारी किसान किसकी ओर झुकेंगे यह तो समय ही बताएगा? लेकिन यह बात सटीक है की जो प्रार्थी इन बिहारी किसानों की बात सुनेंगे ये बिहारी किसान उन्हे ही वोट देंगे.

WB News : राज्यपाल बोस ने कहा, बंगाल के शिक्षा मंत्री ममता बनर्जी के साथ कर रहे हैं मेरे रिश्ते खराब

Shinki Singh
Shinki Singh
10 साल से ज्यादा के पत्रकारिता अनुभव के साथ मैंने अपने करियर की शुरुआत Sanmarg से की जहां 7 साल तक फील्ड रिपोर्टिंग, डेस्क की जिम्मेदारियां संभालने के साथ-साथ महिलाओं से जुड़े मुद्दों और राजनीति पर लगातार लिखा. इस दौरान मुझे एंकरिंग और वीडियो एडिटिंग का भी अच्छा अनुभव मिला. बाद में प्रभात खबर से जुड़ने के बाद मेरा फोकस हार्ड न्यूज पर ज्यादा रहा. वहीं लाइफस्टाइल जर्नलिज्म में भी काम करने का मौका मिला और यह मेरे लिये काफी दिलचस्प है. मैं हर खबर के साथ कुछ नया सीखने और खुद को लगातार बेहतर बनाने में यकीन रखती हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel