Table of Contents
Ajit Doval : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आईआईटी मद्रास के एक कार्यक्रम में शिरकत करते ऑपरेशन सिंदूर पर बात की और बताया कि किस तरह मात्र 23 मिनट में भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. उन्होंने बताया कि भारत ने सिर्फ और सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी मीडिया ने इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्टिंग पक्षपातपूर्ण तरीके से की है. अजीत डोभाल भारतीय सुरक्षा एजेंसी के जेम्स बांड कहे जाते हैं.
अजीत डोभाल को क्यों कहा जाता है जेम्स बांड
अजीत डोभाल ने सात सालों तक पाकिस्तान में अंडरकवर रहकर काम किया था और भारत सरकार को जरूरी जानकारी दी थी. उनका मिशन बहुत ही खतरनाक था, लेकिन उन्होंने इसमें सफलता प्राप्त की थी. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सवालों का जवाब देते हुए बताया था कि वे कुल 7 सालों तक पाकिस्तान में मौलवी के वेश में रहे थे. इस दौरान खतरा भी रहता था. उन्होंने एक रोचक जानकारी साझा करते हुए बताया कि वो लाहौर में थे और उसी दौरान एक मजार में थे. उन्हें वहां एक आदमी मिला, जो मजार में धार्मिक कार्य किया था, उसने अजीत डोभाल से कहा कि तुम हिंदू हो, अजीत डोभाल ने इनकार किया, इसपर उस इंसान ने उन्हें अपने साथ चलने को कहा. वह उन्हें एक कमरे में लेकर गया और दरवाजा बंद कर दिया. उसने अजीत डोभाल से फिर कहा तुम हिंदू हो, उन्होंने फिर मना किया. तब उसने कहा कि तुम्हारी कान में छेद है, जो एक हिंदू कराता है. तब डोभाल ने उससे कहा कि हां मैं हिंदू था अब नहीं हूं, इसपर उस इंसान ने कहा कि तुम आज भी हिंदू हो. मैं तुम्हें सलाह दे रहा हूं कि इसे सही करवा लो, क्योंकि इस तरह से घूमने में खतरा है. मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं मैं खुद भी हिंदू हूं,मेरे पूरे परिवार को यहां मार दिया गया. मैं आज किसी तरह से अपनी जान बचाकर रह रहा हूं. उन्होंने अपनी आलमारी खोलकर उससे शिवजी और दुर्गाजी जी की प्रतिमा दिखाई. उन्होंने उस कार्यक्रम में यह भी बताया था कि वे जहां के रहने वाले हैं, वहां जन्म के बाद पहले के दौर में कानों में छेद कर दिया जाता था, इसलिए उनके कानों में भी छेद थे. बाद में अजीत डोभाल ने उस छेद को सर्जरी के जरिए छुपाया था. अजीत डोभाल के जीवन पर एक किताब भी लिखी गई है, जिसका नाम है-“Ajit Doval: The Indian James Bond”. यह किताब प्रदीप कुमार रे ने लिखी है. इस किताब में अजीत डोभाल के पाकिस्तान प्रवास पर बात की गई है. अजीत डोभाल को खुफिया दुनिया का योद्धा कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानी. उन्होंने अपने पाकिस्तान मिशन में इतनी खुफिया जानकारी जमा कर ली है कि आज भी पाकिस्तान उनके नाम से घबराता है.

अजीत डोभाल ने खास मिशन
यूं तो अजीत डोभाल का सभी मिशन खास होता था, लेकिन अगर उनमें से भी खास की चर्चा करनी हो, तो निश्चित तौर पर सबसे पहला नाम पाकिस्तान मिशन का ही आएगा. हालांकि खुफिया मिशन होने की वजह से उसके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इतना पता है कि उन्होंने कुल 7 साल पाकिस्तान में बिताए. वो भी एक मुस्लिम के वेश में. उनके बारे में यह कहा जाता है कि उन्होंने स्थानीय लोगों से दोस्ती कर ली थी और अपने मिशन को सफल बनाया था. स्वर्ण मंदिर में किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार में ही अजीत डोभाल ने मंदिर के अंदर जाकर छुपे बैठे आतंकवादियों से सांठगांठ की और उसके बात उनकी पूरी योजना की जानकारी सरकार को दी. उनकी जानकारी के आधार पर ही 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार का सफलता पूर्वक अंजाम किया जा सका था. 1990 में हुए कंधार विमान अपहरण के बाद उन्होंने आतंकवादियों से बातचीत में अहम भूमिका निभाई, वे उस टीम का नेतृत्व कर रहे थे. इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ हुए सर्जिकल स्ट्राइक में भी उनकी अहम भूमिका रही.
अजीत डोभाल का बायोडाटा जानिए
अजीत डोभाल उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म 20 जनवरी 1945 को हुआ है. उन्होंने शुरुआती शिक्षा दिल्ली और राजस्थान में ली. उसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से इकोनाॅमिक्स में मास्टर्स किया. 1968 में वे केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी के रूप में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए. कुछ ही दिनों में उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो में नियुक्त किया गया. उसके बाद से उन्होंने भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई और आज के समय में भारत के विशेष सुरक्षा सलाहकार हैं.
Also Read : बिहार में मतदाता सूची के अपडेशन पर क्यों हो रही राजनीति? जानिए क्या है सच
कानूनन क्या होगी बच्चे की जाति अगर माता-पिता अलग जाति के हैं और परिस्थितियां कुछ इस तरह की हैं…
सिर्फ बिहारी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का लाभ, जानिए कैसे तय होगा बिहार का डोमिसाइल
विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें