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PHOTOS: भगवान भरोसे चल रहे कोल्हान में कई आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों को नहीं मिल रही मौलिक सुविधाएं

चक्रधरपुर प्रखंड का कई आगंनबाड़ी केंद्र भगवान भरोसे चल रहा है. अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों को चार माह से पोषाहार नहीं मिला है. संसाधन के अभाव में बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा नहीं मिल रही है. सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक आंगनबाड़ी केंद्र को संचालित करना है, लेकिन कई 12 बजे से पहले ही बंद हो जाता है.

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किराये के भवन में चल रहा है भलियाकुदर आंगनबाड़ी केंद्र

भलियाकुदर आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवन में संचालित है. सेविका हीरामुनि हेंब्रम ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र में 30 बच्चे रोज आते हैं. डेढ़ सौ मीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. चार माह से पोषाहार नहीं मिला है. बच्चों के मनोरंजन के लिए कोई साधन नहीं है. सुविधा के नाम पर आंगनबाड़ी केंद्र में कुछ भी नहीं है.

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कुदरीबाड़ी आंगनबाड़ी केंद्र में पानी-बिजली की सुविधा नहीं

पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर के कई आंगनबाड़ी केंद्र आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. चक्रधरपुर में 298 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. इसमें 142 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवन में चल रहा है. अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र इन दिनों भगवान भरोसे चल रहे हैं. कुदरीबाड़ी आंगनबाड़ी केंद्र के लिए भवन का निर्माण किया गया है. इस केंद्र में पानी व बिजली की सुविधा नहीं है. सेविका सुषमा बिरुवा के मुताबिक, चार माह से पोषाहार नहीं मिला है. भवन में पंखा तो लगा है, लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं है. शौचालय व पानी का टंकी लगा है, लेकिन टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए कोई सुविधा नहीं है.

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कंडम भवन में चल रहा टिकरचांपी आंगनबाड़ी केंद्र

टिकरचापी आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर भवन में संचालित है. प्रत्येक दिन 18 बच्चे आते हैं. भवन पूरी तरह जर्जर है. फर्श टूट गया है. बैठने के लिए कुर्सी भी नहीं है. पानी, बिजली की सुविधा नहीं है. शौचालय भी नहीं है. कंडम भवन में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है. जिम्मेदार अधिकारी को निरीक्षण करने की जरूरत है.

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बंद पड़े स्कूल के जर्जर कमरे में चल रहा है आंगनबाड़ी केंद्र

चक्रधरपुर नगर पर्षद क्षेत्र वार्ड संख्या सात में बंद पड़े नागेश्वर मध्य विद्यालय के एक जर्जर कमरा में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. प्रत्येक दिन इस केंद्र में 20 बच्चे आते हैं. इस केंद्र में शौचालय नहीं है. बिजली की व्यवस्था नहीं है. सेविका विजय लक्ष्मी ने बताया कि केंद्र संचालन में काफी परेशानी हो रही है.

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सेविका को आठ माह से नहीं मिला मानदेय

पुरानी बस्ती वार्ड संख्या-एक का आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवन में चल रहा है. प्रत्येक माह 200 रुपये का किराया लगता है. सेविका तूफानी दे ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र में 16 बच्चे आते हैं. छह माह से पोषाहार की राशि नहीं आयी है. आठ माह से मानदेय नहीं मिला है.

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दो साल से प्रभार में चल रहा बाल विकास परियोजना कार्यालय

चक्रधरपुर का बाल विकास परियोजना कार्यालय दो साल से प्रभार में चल रहा है. स्थायी सीडीपीओ नहीं रहने के कारण सीओ बाल किशोर महतो एक साल से प्रभार में हैं. चक्रधरपुर प्रखंड में 298 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. स्थायी सीडीपीओ व कर्मचारियों की कमी के कारण कार्यालय की व्यवस्था चरमरा गयी है. सीडीपीओ कार्यालय का काम रामभरोसे चल रहा है. सीडीपीओ कार्यालय में पर्याप्त संख्या में महिला पर्यवेक्षक नहीं रहने की वजह से प्रखंड के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविका और सहायिका की मौज कट रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों में जांच नहीं होने से मनमाने ढंग से चल रहा है.

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पांच साल से खराब पड़ा है वाहन

बाल विकास परियोजना कार्यालय का वाहन पांच साल से खराब पड़ा है. वाहन खराब रहने की वजह से पुराने आंगनबाड़ी केंद्र में झाड़ियों में सड़ रहा है. वाहन को चलाने व रखरखाव के लिए चालक भी नहीं है. आठ साल पहले चालक की सेवानिवृत्ति के बाद इस कार्यालय में अब तक चालक की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है.

10 की जगह चार पर्यवेक्षकों से लिया जा रहा है काम

चक्रधरपुर बाल विकास परियोजना कार्यालय में कर्मचारियों की काफी कमी है. 10 महिला पर्यवेक्षक की जगह पर मात्र चार से काम लिया जा रहा है. कार्यालय में दो आदेशपालक की जगह मात्र एक तैनात है. सांख्यिकी सहायक व जिप चालक भी नहीं है. चार महिला पर्यवेक्षक माह में कितने आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करती होंगी, यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. इस संबंध में सीडीपीओ के प्रभार में रहे बाल किशोर महतो ने कहा कि चक्रधरपुर बाल विकास परियोजना कार्यालय में जल्द नयी सीडीपीओ प्रभार लेंगी. स्वास्थ्य कारणों से नयी सीडीपीओ प्रभार नहीं ले पा रही हैं.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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