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इस ‘धाकड़ शाही कार’ में सफर करते थे अटल बिहारी वाजपेयी, पीएम बनने पर मिली ये गाड़ी

एंबेसडर कार को भारत की शाही कार कहा जाता था. इस कार को सड़क से लेकर संसद तक इस्तेमाल किया जाता था. एंबेसडर को राजनेता, आईएएस अफसर, सेना के अधिकारी से लेकर आम-ओ-खास तक इस्तेमाल करते थे. इस कार ने भारत में 1958 से लेकर 2014 तक करीब 65 सालों तक भारत में राज किया.

Happy Birthday Atal Bihari Vajpaye Ji: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जन्मतिथि है. अटल जी का जन्म आज ही के दिन 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. वे भारत के तीन बार प्रधानमंत्री बने. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का बिस्मार्क भी कहा जाता है. उन्हें प्यार से कोई अटल जी तो कोई वाजपेयी जी कहते हैं. वाजपेयी जी को भारत की धाकड़ शाही कार एंबेसडर काफी पसंद थी और वे हमेशा इसी कार से सफर किया करते थे. 2004 के आम चुनाव में लिए लखनऊ से नामांकन दाखिल करने के दौरान अपने हलफनामे में उन्होंने एक एंबेसडर कार का जिक्र किया था, उस समय उनके पास थी. वाजपेयी जी जब प्रधानमंत्री थे, तो उस समय भी वे इसी कार से चलते थे, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से सरकार की ओर से उन्हें बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज कार दी गई थी. आइए, जानते हैं पूरी कहानी…

1958 में भारत में पहली बार लॉन्च की गई थी एंबेसडर कार

एंबेसडर कार को भारत की शाही कार कहा जाता था. इस कार को सड़क से लेकर संसद तक इस्तेमाल किया जाता था. एंबेसडर को राजनेता, आईएएस अफसर, सेना के अधिकारी से लेकर आम-ओ-खास तक इस्तेमाल करते थे. इस कार ने भारत में 1958 से लेकर 2014 तक करीब 65 सालों तक भारत में राज किया है. यह कार इतनी लोकप्रिय थी कि इसे हर कोई खरीदना चाहता था.

कौन बनाता था एंबेसडर कार

भारत में एंबेसडर कार का निर्माण हिंदुस्तान मोटर्स किया करती थी. इसके लुक और डिजाइन की वजह से यह लोगों की खास पसंद बन गई थी. भारत में करीब 65 सालों तक सेवा देने के बाद हिंदुस्तान मोटर्स ने वर्ष 2014 में इसका उत्पादन बंद कर दिया. हालांकि, देश में अब भी कई लोगों के पास यह कार मिल जाएगी, जिसे लोगों ने यादगार के तौर पर इसे सहेज कर रखा हुआ है.

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कितनी थी कीमत

भारत की शाही कार का उत्पादन पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में किया जाता था. यह पेट्रोल और डीजल इंजन में आती थी. पूर्व प्रधानमंत्री के पास इस कार कार एनकोर मॉडल था. उस समय एक्स-शोरूम में इसकी कीमत करीब 4.80 लाख रुपये थी. इस 5 सीटर कार में 1817 सीसी का 4 सिलेंडर ओएचसी पेट्रोल इंजन दिया गया था. इस एंबेसडर कार में 5 मैनुअल गियर थे, जो 10 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती थी. इसमें 54 लीटर का फ्यूल टैंक दिया गया था. एंबेसडर कार क्रिस्टल व्हाइट, लुनर सिल्वर, इक्रू बेज, फायर ब्रिक रेड, ऑयस्टर ब्लू और जेट ब्लैक कलर वेरिएंट में आती थी. बाद में हिंदुस्तान मोटर्स ने एंबेसडर कार के सीएनजी वेरिएंट भी बाजार में लॉन्च किया था.

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सुरक्षा के लिए सरकार ने वाजपेयी जी को दी थी बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज

अटल बिहारी वाजपेयी जब देश के प्रधानमंत्री बने, सुरक्षा के लिहाज से सरकार ने उन्हें बीएमडब्लू 7 सीरीज कार दी थी. इस कार में 6.0 लीटर का ट्विन-टर्बो वी12 पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 610 पीएस की पावर और 800 एनएम का टॉर्क जेनरेट करता है. इस इंजन में 8-स्पीड स्टेपट्रॉनिक ऑटोमैटिक गियरबॉक्स लगाया गया है. यह कार 100 किलोमीटर की रफ्तार महज 3.7 सेकंड में पकड़ लेती हैं. इस कार में आइकॉनिक किडनी ग्रिल, 20 इंच के एम डबल-स्पोक 760 एम अलॉय व्हील, 19 इंच एम स्पोर्ट ब्रेकिंग सिस्टम के साथ ब्लू कैलिपर्स, साइड में एम और वी12 बैजिंग, डोर हैंडल पर सीरिम ग्रे कलर, एम स्पोर्ट एग्जॉस्ट सिस्टम और डोर सिल्स पर वी12 बैजिंग दी गई है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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