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मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पत्नी सीता के दादा-परदादा का ये था नाम, इस तरह बसाई गई थी मिथिला नगरी

Who Were Lord Rama Inlaws: देवी सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं इसलिए उन्हें 'जानकी' भी कहा जाता है. कहते हैं कि राजा जनक को माता सीता एक खेत से मिली थी. इसीलिए उन्हें धरती पुत्री भी कहा जाता है. लक्ष्मण, भारत और शत्रुघ्न की पत्नियां माता सीता की बहनें थीं.

Who Were Lord Rama Inlaws, Ayodhya ram mandir Pran Pratishta Timings: भगवान राम और सीता के बारे में लोगों में बड़ी इच्छा होती है. अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसकी तैयारियां तेजी से चल रही है. आपको बता दें भगवान राम से जुड़े कई ऐसे पसंग हैं जिनके बारे में आम लोगों को जानकारी नहीं है. आज हम आपको यहां पर बताने वाले हैं

Also Read: राम के पिता का नाम दशरथ, तो दशरथ के दादा-परदादा कौन? राम की 40 पीढ़ी और उनके पूर्वजों के बारे में जानिए

क्यों कहा जाता है सीता को जानकी

देवी सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं इसलिए उन्हें ‘जानकी’ भी कहा जाता है. कहते हैं कि राजा जनक को माता सीता एक खेत से मिली थी. इसीलिए उन्हें धरती पुत्री भी कहा जाता है. लक्ष्मण, भारत और शत्रुघ्न की पत्नियां माता सीता की बहनें थीं.

जानें राजा जनक के बारे में

राजा जनक, निमि के पुत्र थे. उनका वास्तविक नाम ‘सिरध्वज’ था. राजा जनक के अनुज ‘कुशध्वज’ थे. त्रेतायुग में राजा जनक को अध्यात्म तथा तत्त्वज्ञान के विद्वान के रूप में भी जाना जाता था.

जनक के पूर्वज निमि या विदेह के वंश का कुल नाम मानते हैं. यह सूर्यवंशी और इक्ष्वाकु के पुत्र निमि से निकली एक शाखा है. विदेह वंश के द्वितीय पुरुष मिथि जनक ने मिथिला नगरी की स्थापना की थी.

वंश आगे बढ़ता गया और राजा निमि का जन्म हुआ. निमि ने एक बड़े यज्ञ का आयोजन करवाया, जिसमें ऋषि वशिष्ठ को पुरोहित के रूप में आमंत्रित किया था. लेकिन वशिष्ठ उस समय स्वर्ग में इंद्र के यहां यज्ञ करवा रहे थे. इसलिए वे नहीं आए.

तब निमि ने ऋषि गौतम और अन्य ऋषियों की सहायता से यज्ञ शुरु किया. जब वशिष्ठ को इस बात ज्ञान हुआ तो उन्होंने निमि को शाप दे दिया. निमि ने भी वशिष्ठ को शाप दिया.

इसके बाद दोनों जलकर भस्म हो गए. तब कुछ ऋषियों ने दिव्य शक्ति से यज्ञ समाप्ति तक निमि के शरीर को सुरक्षित रखा. चूकि निमि की कोई सन्तान नहीं थी. तब ऋषियों ने उनके शरीर का मंथन किया. और एक पुत्र का जन्म हुआ.

पुत्र का जन्म शरीर को ‘मथने’ से हुआ इसलिए इस पुत्र को ‘मिथि’ कहा गया. और मृतदेह से उत्पन्न होने के कारण जनक. विदेह वंश होने के कारण ‘वैदेह’ और मंथन के कारण मिथिल इस तरह इसी नाम पर ‘मिथिला’ नगरी बसाई गई.

राजा जनक से सम्बंधित रोचक सवाल और उनके जवाब

राजा जनक के गुरु कौन थे?

उत्तर- राजा जनक के गुरु मुनि अष्टावक्र थे.

राजा जनक के पुरोहित कौन थे?

उत्तर- राजा जनक के पुरोहित शतानन्द जी थे.

राजा जनक कहाँ के राजा थे?

उत्तर- राजा जनक मिथिला अथवा जनकपुर के राजा थे.

राजा जनक के पिता का नाम क्या था?

उत्तर- राजा जनक के पिता का नाम निमी था.

राजा जनक का वास्तविक नाम क्या था?

उत्तर- राजा जनक का वास्तविक नाम सीरध्वज था.

राजा जनक की पुत्री का नाम क्या था?

उत्तर- राजा जनक की पुत्री का नाम माता सीता जी था.

राजा जनक की पुत्री का विवाह किसके साथ हुआ था?

उत्तर- राजा जनक की पुत्री का विवाह भगवान श्रीराम के साथ हुआ था.

राजा जनक के भाई का नाम क्या था?

उत्तर- राजा जनक के कुशध्वज था.

राजा जनक का जन्म किस युग में हुआ था?

उत्तर- रामायण काल में त्रेतायुग में हुआ था.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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