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झारखंड: फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बनकर लोन लेने वालों को देते थे झांसा, नौ साइबर अपराधी गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक अनुदीप सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से 27 मोबाइल, 12 एटीएम, 6 सिम कार्ड, नगद 35625, रजिस्टर 19 पीस, कई बैंकों के पासबुक समेत अन्य कागजात बरामद किए गए हैं.

कोडरमा बाजार: पुलिस ने साइबर ठगी के मामले का उद्भेदन करते हुए नौ आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. आरोपियों को पुलिस ने तिलैया थाना क्षेत्र के गांधी स्कूल रोड की अलग-अलग जगहों से पकड़ा है. गिरफ्तार सभी अपराधी पश्चिम बंगाल और बिहार की अलग-अलग जगहों के हैं और ये फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बनकर लोगों से ऑनलाइन ठगी करते थे. पकड़े गए आरोपियों के पास से 27 मोबाइल, 12 एटीएम, 6 सिम कार्ड, नगद 35625, रजिस्टर 19 पीस, कई बैंकों के पासबुक समेत अन्य कागजात बरामद किए गए हैं. ये जानकारी पुलिस अधीक्षक अनुदीप सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी. एसपी ने बताया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान जब्त रजिस्टर से यह प्रतीत होता है कि पकड़े गए साइबर अपराधी देश के कई राज्यों में साइबर क्राइम करते थे. इन लोगों के द्वारा पहले लोन लेने वाले लोगों की जानकारी प्राप्त की जाती थी. इसके बाद ऐसे लोगों को फोन के माध्यम से फाइनेंस कंपनी का पदाधिकारी बन कर लोन स्वीकृत कराने का झांसा दिया जाता था.

ये हैं गिरफ्तार साइबर अपराधी

गिरफ्तार आरोपियों में सलाहपुर सिवान बिहार निवासी रामबाबू यादव (पिता स्व शिव दयाल यादव), उत्तर 24 परगना पश्चिम बंगाल निवासी तारकेश्वर कुमार (पिता चिंता महतो) व सूर्यकांत शर्मा (पिता उपेंद्र शर्मा, कतरीसराय जिला नालंदा, बिहार), संजीत कुमार शर्मा (पिता जगदीश ठाकुर, सियरभुक्का जिला गया), उद्देश्य कुमार (पिता रामजन्म साव, सुंदरपुर कतरीसराय जिला नालंदा बिहार), भूषण कुमार (पिता राजेन्द्र यादव, भवानी बिगहा नवादा बिहार), संतोष कुमार यादव (पिता बालेश्वर यादव, सहसराय जिला नालंदा बिहार) मो फारुख (पिता नौशाद व हीरापुर जिला पश्चिम वर्धमान पश्चिम बंगाल), सन्नी रजक उर्फ आदित्य रजक (पिता टुनटुन रजक) शामिल हैं.

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आरोपियों के पास से कैश भी बरामद

पुलिस अधीक्षक अनुदीप सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से 27 मोबाइल, 12 एटीएम, 6 सिम कार्ड, नगद 35625, रजिस्टर 19 पीस, कई बैंकों के पासबुक समेत अन्य कागजात बरामद किए गए हैं. एसपी ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि झुमरीतिलैया शहर में साइबर अपराधियों का गिरोह सक्रिय है और अलग-अलग जगहों में रह कर ऑनलाइन ठगी का काम किया जा रहा है. सूचना के आलोक में तिलैया थाना प्रभारी विनोद कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर गांधी स्कूल रोड के तीन अलग-अलग जगहों पर छापामारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया़ प्रेसवार्ता में तिलैया थाना प्रभारी विनोद कुमार, पुलिस निरीक्षक राम नारायण ठाकुर, एसआई आनंद मोहन, सुमित साव आदि मौजूद थे.

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ऑनलाइन ठगी करते थे आरोपी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि गिरोह के सदस्य अलग-अलग जगहों पर किराये के मकान में रहते थे और बजाज फिन सर्व व धनी फाइनेंस कंपनी का फर्जी पदाधिकारी और कर्मचारी बनकर एक षड्यंत्र के तहत जाली कागजात तैयार कर लोगों को लोन स्वीकृत कराने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी करते थे.

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ठगी का पैसा निकासी करने आए थे तभी पुलिस ने पकड़ा

एसपी ने बताया कि सूचना मिली थी कि साइबर क्राइम स जुड़े लोग ठगी का राशि निकासी करने तिलैया आने वाले हैं सूचना के आलोक में गठित पुलिस टीम ने पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया और इनकी निशानदेही पर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई़

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लोन लेने वाले लोगों की लिस्ट निकाल कर बनाते थे शिकार

एसपी ने बताया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान जब्त रजिस्टर से यह प्रतीत होता है कि पकड़े गए साइबर अपराधी देश के कई राज्यों में साइबर क्राइम करते थे. इन लोगों के द्वारा पहले लोन लेने वाले लोगों की जानकारी प्राप्त की जाती थी. इसके बाद ऐसे लोगों को फोन के माध्यम से फाइनेंस कंपनी का पदाधिकारी बन कर लोन स्वीकृत कराने का झांसा दिया जाता था. झांसे में आने वाले व्यक्ति को लोन स्वीकृत हो जाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ऑनलाइन ठगी की जाती थी़ उन्होंने कहा कि जिन दो फाइनेंस कंपनियों का नाम आया है उनकी भी जांच की जाएगी़ पुलिस को आशंका है कि इस गोरखधंधे में फाइनेंस कंपनी का कोई कर्मी तो शामिल नहीं है़ उन्होंने बताया कि गिरोह के कुछ लोग अभी भी फरार हैं पुलिस जल्द ही फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लेगी.

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Guru Swarup Mishra
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मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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