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Jharkhand News: पंकज मिश्रा से क्यों जुड़ा था दाहू यादव? स्टीमर दुर्घटना मामले में भी हुआ बड़ा खुलासा

दाहू यादव ने यह स्वीकार किया था कि वह पंकज मिश्रा के राजनीतिक और प्रशासनिक संबंधों का लाभ लेने के लिए उससे जुड़ा था. दाहू यादव के खिलाफ कुल 17-18 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें अधिकांश में पुलिस ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी है. उसके खिलाफ दो नये मामले दर्ज किये गये हैं

न्यायालय से फरार घोषित राजेश यादव उर्फ दाहू यादव सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के रसूख का लाभ लेने के लिए उससे जुड़ा था. पंकज मिश्रा ने स्टीमर दुर्घटना मामले में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप से बात कर मामले के दबाने की कोशिश की थी. दाहू यादव ने अवैध खनन की जांच के पहले चरण में इडी द्वारा की गयी पूछताछ के दौरान अपने बयान में यह बात कही थी.

इडी की पूछताछ में दाहू यादव ने यह स्वीकार किया था कि वह पंकज मिश्रा के राजनीतिक और प्रशासनिक संबंधों का लाभ लेने के लिए उससे जुड़ा था. दाहू यादव के खिलाफ कुल 17-18 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें अधिकांश में पुलिस ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी है. उसके खिलाफ दो नये मामले दर्ज किये गये हैं. पंकज मिश्रा से संबंध होने की वजह से पुलिस की मदद मिलती है.

अपनी व्यापारिक गतिविधियों के सिलसिले में दर्ज कराये गये बयान में उसने यह कहा था कि पिछले तीन साल से उसने किराये पर तीन जहाज ले रखा था. इसमें टाइटन-1, टाइटन-3 और टाइटन-4 शामिल है. उसके पास कोई खदान नहीं है. उसका जहाज (स्टीमर) का कारोबार है. उसके कारोबार का हिसाब सीए मनीष पोद्दार देखते हैं.

पंकज मिश्रा के कारण मिला जहाज का टेंडर :

दाहू यादव ने इडी को बताया था कि जब जहाज का टेंडर हुआ था, तो पंकज मिश्रा के सहयोग से टेंडर मिला था. इसके एवज में पंकज मिश्रा ने जहाज से नदी पार होनेवाले ट्रकों से प्रति ट्रक 500 रुपये की मांग रखी थी. यही राशि पंकज मिश्रा को दी जाती थी. साहिबगंज में मिर्जा चौकी से लेकर संकरी गली और दूसरी जगहों पर अवैध खनन होता है.

चार की मौत हुई थी :

जहाज दुर्घटना के सिलसिले में दाहू यादव ने कहा था कि ट्रक का टायर फटने से जहाज का संतुलन बिगड़ गया. इसकी वजह से दुर्घटना हुई थी. इसमें चार ट्रक नदी में गिर गये थे. इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हुई थी. इस घटना में प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी. इस दुर्घटना के सिलसिले में उपायुक्त द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट प्रमंडलीय आयुक्त ने सवाल उठाया था. इसके बाद पंकज ने कमिश्नर से बात की थी.

प्रमंडलीय आयुक्त और पंकज मिश्रा के बीच हुई बातचीत

कमिश्नर : हैलो!

पंकज : जी, नमस्कार!, पंकज मिश्रा.

कमिश्नर : जी…!

पंकज : पंकज मिश्रा बोल रहे हैं. नमस्कार!

कमिश्नर : जी, जी, नमस्कार! बोला जाये सर.

पंकज : बोल रहे हैं कि जहाजवा तो हमही न चलाते हैं. तो आप पंद्रह बिंदु पर फिर मांगे हैं डीसी साहब से. जो डीसी…

कमिश्नर : स्पष्टीकरण नहीं मांगे हैं. हमें मालूम नहीं था कि आप चलाते हैं. जो भी भेज देंगे, अब हम नहीं करेंगे.

पंकज : जो भेज दिये हैं, इसी को बढ़ा न दीजिये.

कमिश्नर : ठीक है.

पंकज : उसी को बढ़ा दीजिये. ठीक है न…

कमिश्नर : ठीक है…

पंकज : ओकरा हमही चलावतानी भैया.

कमिश्नर : नहीं जानते थे हम. इसलिए कर दिये. आपका बात हम टालेंगे?

पंकज : ना, ना, टाले के ना भैया. बड़ भाई बानी, रिक्वेस्ट बा, ओकरे कर दीह.

कमिश्नर : ठीक, ठीक..

Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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