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Gyanvapi Survey Case: ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट 1600 पन्ने की, हर पेज का 2 रुपये करना होगा भुगतान

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की की कोर्ट में दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की थी. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने भी की थी.

वाराणसी: ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट 1600 पन्ने की है. गुरुवार को वाराणसी जिला जज कोर्ट में रिपोर्ट को पटल पर रखा गया. जज के सामने पन्नों की गिनती की गई. हर पन्ने के लिए दोनों पक्षों को 2 रुपये भुगतान करना होगा. यानी कि कुल 3200 रुपये देने के बाद कोर्ट हिंदू व मुस्लिम पक्ष को सर्टिफाइड कॉपी सौंपेगा. गुरुवार को हिंदू पक्ष की तरफ से विष्णु शंकर जैन और सुधीर उपाध्याय ने आवेदन किया है. जबकि मुस्लिम पक्ष की तरफ से अखलाख अहमद ने आवेदन किया है. दोनों पक्षों को गुरुवार को ही सर्टिफाइड कॉपी मिलने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि 24 जनवरी को ज्ञानवापी सर्वे मामले में दोनों पक्षों को सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध कराने पर सहमति बनी थी. एएसआई ने वाराणसी जिला जज की कोर्ट में चार सप्ताह तक ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक न करने का आवेदन किया था. उनका कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 1991 के लंबित मामले लार्ड विश्वेश्वर मामले में भी सर्वें रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. ऐसे में दूसरी प्रति तैयार करने में समय लगेगा. इसलिए रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए और समय दिया जाए.

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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की की कोर्ट में दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की थी. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने भी की थी. इस मामले में 3 जनवरी 2024 को फैसला आना था. इसके बाद 4 और 5 जनवरी को डेट दी गई थी.

बुधवार को एक अन्य घटनाक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज मनीष कुमार निगम ने ज्ञानवापी सर्वे मामले की सुनवाई के बाद खुद को केस से अलग कर लिया था. उन्होंने केस को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में रेफर कर दिया था. अब इस मामले की 31 जनवरी को सुनवाई होगी. जस्टिस मनीष कुमार निगम ने स्वयं इस केस से क्यों अलग किया, ये साफ नहीं हो पाया है.

हाईकोर्ट में ज्ञानवासी के सील क्षेत्र वजूखाने का सर्वे कराने के लिए याचिका दाखिल की गई है. हिंदू पक्षकार राखी सिंह ने वाराणसी जिला जज कोर्ट के वजूखाने का सर्वे कराने से इनकार करने के फैसले के बाद यह याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने अपने आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को सील क्षेत्र की विधिवत सुरक्षा का आदेश दिया है. इसलिए एएसआई का वहां का सर्वे करने का आदेश देना सही नहीं है.

Amit Yadav
Amit Yadav
UP Head (Asst. Editor)

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