24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बरेली में राष्ट्रीय लोक अदालत में रचा इतिहास, ढाई लाख से ज्यादा मामले निस्तारित, 7.46 करोड़ की वसूली

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बरेली के अपर जिला जज सत्य प्रकाश आर्य ने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में जनपद न्यायालय परिसर में दो जगह बैंकों के कैंप लगाए गए थे. इसमें विभिन्न बैंकों ने बैंक ऋण से संबंधित 1154 वाद का निस्तारण किया.इसमें कुल ऋण धनराशि 7.46 करोड़ रुपए वसूल की गई.

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें 254045 वाद निस्तारित कर 7.46 करोड़ रुपए की वसूली गई. राष्ट्रीय लोक अदालत में किसी को दिक्कत न हो. इसलिए सहायता कैंप भी लगाएं गए थे. उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार जनपद न्यायाधीश (जिला जज) विनोद कुमार (अध्यक्ष,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) ने जिला न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया.राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों, विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों के अधिकारियों, अधिवक्ताओं, औरपदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. यहां लंबित वादों का निस्तारण कराया गया. अपर जिला जज, राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी अरविन्द कुमार यादव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल 254045 वादों का सफल निस्तारण किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से बरेली जनपद न्यायालय और अन्य न्यायलयों में 7162 वाद का निस्तारण किया गया. प्रशासनिक अधिकारियों ने राष्ट्रीय लोक अदालत में 43015 वाद, परिवहन विभाग में1597 मामलों का सफल निस्तारण किया. राष्ट्रीय लोक अदालत में अपर सत्र न्यायालय में 626 वाद, सिविल न्यायालयों में 688 वाद, पारिवारिक मामलों के 70 , फौजदारी न्यायालय में 4500 वाद, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय में 347 वाद, वाणिज्यिक न्यायालय में 15 वाद का आपसी सुलह समझौते और अभिस्वीकृति के आधार पर निस्तारित किए गए. राष्ट्रीय लोक अदालत में 8069 ई-चालान, ई-डिस्ट्रिक पोर्टल श्रम न्यायालय के माध्यम से 8407 वाद।का निस्तारण किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में अन्य न्यायालय में भी बाद निस्तारित किए गए.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बरेली के अपर जिला जज सत्य प्रकाश आर्य ने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में जनपद न्यायालय परिसर में 02 जगह बैंकों के कैम्प लगाए गए थे. इसमें विभिन्न बैंकों ने बैंक ऋण से संबंधित 1154 वाद का निस्तारण किया. इसमें कुल ऋण धनराशि 74683000 रुपये वसूल की गई. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सत्य प्रकाश आर्य ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आम जनता को परेशानियों से बचाने, और जानकारी देने के लिए लोक अदालत परिसर में हेल्प डेस्क बनाई गई थी.

Also Read: सीएम योगी बोले- सरकार के संवेदनशील होने पर होती है गरीब की सुनवाई, विकास में बाधक कुरीतियों को नहीं पनपने दें
जानें कब से शुरू हुई लोक अदालत

लोक अदालत का आयोजन 1976 में 42वें संविधान संशोधन के बाद शुरू हुआ था.इसके अनुच्छेद 39 में आर्थिक न्याय की अवधारणा जोड़ी गई. यहां सरकार से उम्मीद की गई कि वह यह सुनिश्चित करें कि देश का कोई भी नागरिक पैसों की कमी, या दूसरी वजह से न्याय पाने से वंचित न रह जाए.इसके बाद सबसे पहले वर्ष 1980 में केंद्र सरकार के निर्देश पर सारे देश में कानूनी सहायता बोर्ड का कायम किया गया.इसके बाद कानूनी जामा पहनाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 पारित किया गया. यह अधिनियम 9 नवंबर, 1995 को लागू हुआ.इसमें विधिक सहायता, और स्थायी लोक अदालतें अस्तित्व में आईं थीं.

यह है लोक अदालत की ताकत

लोक अदालत को सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत सिविल कार्यवाही की शक्ति दी गई.इसके पास किसी गवाह को समन भेजना,और शपथ दिलवा कर उसकी परीक्षा लेने का अधिकार है.किसी दस्तावेज़ को प्राप्त और प्रस्तुत करने का अधिकार है.किसी भी अदालत, या कार्यालय से दस्तावेज की मांग करने का अधिकार है.शपथ पत्रों पर सबूतों को प्राप्त करने का अधिकार है.ऐसी सभी शक्तियां, जो सिविल न्यायालय को प्राप्त होती हैं.वह लोक अदालत के पास होती हैं.लोक अदालत में होने वाली कार्यवाही को भारतीय दंड संहिता,1860 के तहत निर्धारित नियमों के मुताबिक अदालती कार्यवाही माना जाएगा.इसमें कोर्ट-फीस नहीं लगती.पुराने मुकदमें की कोर्ट-फीस वापस हो जाती है.किसी पक्ष को सजा नहीं होती.मामले को बातचीत के बाद सफाई से हल कर लिया जाता है.मुआवजा और हर्जाना तुरन्त मिल जाता है.मामले का निपटारा जल्दी हो जाता है.सभी को आसानी से न्‍याय मिल जाता है.फैसला आखिरी होता.फैसले के खिलाफ कहीं अपील नहीं होती.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel