23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सृजनशील और प्रयोगधर्मी बनेंगे तभी इंडिया बनेगा विश्व गुरु!

हम विश्व गुरु होने का सपना देखते हैं ,सपना देखना भी चाहिए क्योंकि जब हम सपने देखते हैं तो ही उसे पाने के लिए उड़ान भी भरते हैं लेकिन सपनों को सच में तब्दील करने के लिए धरातल भी ठोस होना चाहिए.

मैं जब इन आंकड़ों को पढ़ रहा था मुझे कॉलेज के अपने दिन याद आने लगे की कैसे साइंस के प्रैक्टिकल के क्लासेस और परीक्षाएं कमोबेश खानापूर्ति की तरह थे. किसी भी तरीके से हम सभी छात्रों का उद्देश्य होता था की किसी तरीके से बढ़िया नंबर मिल जाये. प्रैक्टिकल के लैब्स की हालात भी बहुत खस्ताहाल थी. आज भी हालात कमोबेश देश में जस के तस है , रिसर्च   में जाने के आकांक्षी छात्रों की संख्या काफी कम है या उनकी  प्राथमिकता में रिसर्च काफी पीछे है. हमने ऐसी शिक्षा पद्धति बनायी है जिसमें छात्रों के पढ़ने का उद्देश्य नौकरी पाने तक ही  सीमित है.

दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में भारत के विश्वविद्यालयों का नंबर बहुत पीछे है. कुछ वर्ष पूर्व आये  मैकेंजी की रिपोर्ट में एक आंकड़ा सामने आया था की देश के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स में सिर्फ 6 % ही नौकरी पाने के लायक हैं, इसका सार था की इंजीनियरिंग ग्रेजुएट होने के बाद भी 94 % छात्र नौकरी के योग्य नहीं थे. दूसरी तरफ पूरी दुनिया में भारतियों की मेधा का डंका बज रहा है.

दुनिया के शीर्ष कंपनियों में विशेष रूप में टेक्नोलॉजी की कंपनियों में शीर्ष पदों में भारतवंशियों ने अपनी जगह बनायी हुयी है. अपने देश में अपनी मेधा को माहौल नहीं मिल पा रहा है और जब यही मेधा पलायन कर दूसरे देश में जाती है और उन्हें माहौल मिलता है तो वो अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लेते हैं. हम विश्व गुरु होने का सपना देखते हैं ,सपना देखना भी चाहिए क्योंकि जब हम सपने देखते हैं तो ही उसे पाने के लिए उड़ान भी भरते हैं लेकिन सपनों को सच में तब्दील करने के लिए धरातल भी ठोस होना चाहिए.

Also Read: Board Exam 2024: बच्चों और अभिभावक के लिए जीत या हार की जंग नहीं है परीक्षा

आज 140 करोड़ भारतीयों  की जनसंख्या के कारण पूरी दुनिया की निगाह भारत के बाजार पर है लेकिन अपने देश को सिर्फ बाजार बनाने की जगह सृजनशील और प्रयोगधर्मी बनाने की भी जरूरत है ताकि सचमुच में हम विश्व गुरु बन सकें.

Also Read: आज करे सो कल कर, कल करे सो परसों…ऐसा क्यों, देखें VIDEO

Vijay Bahadur
Vijay Bahadur
प्रभात खबर के वाईस प्रेसिडेंट हैं और बी पॉजिटिव कॉलम के लेखक और पॉजिटिव वीडियो के क्रिएटर और यूट्यूबर हैं . उनके सोचने का नज़रिया सकारात्मक है और उनके जीवन का मूलमंत्र है . Think Positive Act Positive Be Positive…

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel