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हरित ऊर्जा की प्रयोगशाला बनेगा जमशेदपुर , टाटा स्टील में ‘सिनगैस’ से होगा स्टील का उत्पादन

सिनगैस को लेकर काम करने के लिए टाटा स्टील ने जर्मनी के एसएमएस ग्रुप के साथ एमओयू किया है. एसएमएस ग्रुप स्टील मेकिंग प्रक्रिया के डी-कार्बोनाइजेशन पर सहयोग करेगी. टाटा स्टील एसएमएस ग्रुप की मदद से विकसित इजीमेल्ट प्रौद्योगिकी के संयुक्त औद्योगिक प्रदर्शन के संचालन के लिए तकनीकी से काम करेगी.

जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह : टाटा स्टील और टाटानगर एक बार फिर से नये बदलाव के दौर में है. यह बदलाव हरित क्रांति की दिशा में होने जा रहा है. टाटा स्टील ने देश में पहली बार स्टील के उत्पादन में हाइड्रोजन का इस्तेमाल का प्रयोग किया. वहीं, टाटा कमिंस भी हाइड्रोजन आधारित इंजन को जमशेदपुर में बनाने जा रही है. अब टाटा स्टील पर्यावरण और नेट जीरो मिशन के तहत अब ‘सिनगैस’ के जरिये स्टील का उत्पादन करने जा रही है. इसकी प्रयोगशाला टाटा स्टील का इ-ब्लास्ट फर्नेस बनने जा रहा है.

इसको लेकर टाटा स्टील के इ-ब्लास्ट फर्नेस को नये अवतार में तैयार किया गया है ताकि वहां इसका इंजेक्ट करने की प्रक्रिया आसानी से पूरी की जा सके. टाटा स्टील के इ-ब्लास्ट फर्नेस में ही इससे पहले हाइड्रोजन का इस्तेमाल शुरू किया गया था. इसके बाद अब यहां सिनगैस से स्टील का उत्पादन करने की प्रक्रिया का सफल संचालन किया जायेगा. यह देश में पहला प्रयोग होगा. इजीमेल्ट पद्धति यानी इलेक्ट्रिक असिस्टेड सिनगैस स्मेल्टर की मदद से यह काम होगा. इसकी पुष्टि टाटा स्टील की ओर से की गयी है. इसके लिए काम चल रहा है.

टाटा स्टील ने किया है जर्मनी कंपनी के साथ किया है एमओयू

सिनगैस को लेकर काम करने के लिए टाटा स्टील ने जर्मनी के एसएमएस ग्रुप के साथ एमओयू किया है. एसएमएस ग्रुप स्टील मेकिंग प्रक्रिया के डी-कार्बोनाइजेशन पर सहयोग करेगी. एमओयू के तहत, टाटा स्टील एसएमएस ग्रुप की मदद से विकसित इजीमेल्ट प्रौद्योगिकी के संयुक्त औद्योगिक प्रदर्शन के संचालन के लिए तकनीकी से काम करेगी.

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ऐसे काम करेगा यह पद्धति

इजीमेल्ट (इलेक्ट्रिक-असिस्टेड सिनगैस स्मेल्टर) तकनीक एक अत्याधुनिक आयरन मेकिंग प्रक्रिया है जिसे डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाने के लिए मौजूदा एकीकृत इस्पात संयंत्रों में लागू किया जा रहा है. प्रौद्योगिकी का मूल कोक ओवन गैस में सुधार के माध्यम से सिनगैस उत्पादन के लिए ब्लास्ट फर्नेस टॉप गैस रीसाइक्लिंग का उपयोग करता है. इसके बाद परिणाम स्वरूप सिनगैस को सॉफ्ट और ट्यूयर दोनों स्तरों पर इंजेक्ट किया जाता है, साथ ही ट्यूयर स्तर पर इंजेक्ट की गई गैस को प्लाज्मा टॉर्च सिस्टम का उपयोग करके गर्म किया जाता है.

कंपनी का अधिकारिक बयान

टाटा स्टील के प्रवक्ता रुना राजीव कुमार ने कहा है कि टाटा स्टील ने इ ब्लास्ट फर्नेस में स्ट्रक्चर का विनिर्माण कर चुकी है. 114 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद काम शुरू किया गया है. रिपेयरिंग का काम पूरा होने के बाद फर्नेस को जलाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. नवाचार और स्थिरता के प्रति टाटा स्टील के समर्पण का उदाहरण जर्मनी के एसएमएस ग्रुप के साथ उसका हालिया सहयोग है, जिसका उद्देश्य डीकार्बोनाइजेशन तकनीक को आगे बढ़ाना है. यह साझेदारी जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों का समाधान करते हुए उद्योग-अग्रणी नवाचार के लिए टाटा स्टील के सक्रिय दृष्टिकोण को रेखांकित करती है.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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