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झारखंड के मशहूर चित्रकार उज्ज्वल घोष का निधन, पेंटिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों में शोक

झारखंड के मशहूर चित्रकार उज्ज्वल घोष का हजारीबाग में निधन हो गया. मटवारी स्थित अपने जागो गली निवास में उज्ज्वल घोष ने अंतिम सांसे लीं.

हजारीबाग, शंकर प्रसाद. झारखंड के मशहूर चित्रकार उज्ज्वल घोष का हजारीबाग में निधन हो गया. उज्ज्वल घोष कई महीनों से बीमार चल रहे थे. जानकारी के मुताबिक वे 46 वर्ष के थे और किडनी रोड से पीड़ित थे. रांची के डॉ वैद्य से उनका इलाज चल रहा था. उनकी स्थिति ऐसी हो गई थी कि उन्हें एक सप्ताह में दो दिन डायलिसिस की जरूरत पड़ने लगी थी. हजारीबाग के मटवारी स्थित जागो गली निवास में उज्ज्वल घोष ने अंतिम सांस ली.

पेंटिंग सीखने वाले विद्यार्थियों को भारी क्षति

हजारीबाग के मतवारी मोहल्ला जागो निवास के समीप वे अपने परिवार के साथ रहते थे. चित्रकार उज्ज्वल के निधन होने से पेंटिंग सीखने वाले विद्यार्थियों को भारी क्षति हुई है. सिर्फ हजारीबाग ही नहीं बल्कि पूरे भारत में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया. देश के विभिन्न शहरों में लगे प्रदर्शानियों में उन्होंने अपनी चित्रकारी प्रस्तुत की थी.

पेंटिंग स्कूल चलाते थे उज्ज्वल घोष

उज्ज्वल घोष चार भाइयों में तीसरे नंबर पर थे. उज्जवल घोष की पत्नी स्थानीय होली क्रॉस स्कूल में शिक्षिका हैं. उनका एक बेटा है. उज्ज्वल घोष पेंटिंग स्कूल चलाते थे, लेकिन जब से उनका शरीर कमजेर पड़ा वे स्कूल चलाने में भी असक्षम हो गए. उनके घर में कमाने वाली मात्र उनकी पत्नी भावना घोष हैं. वहीं, उनका इकलौता बेटा अभी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा है. उज्ज्वल घोष के इलाज में काफी खर्च आ रहा था. इलाज के लिए उन्होंने मदद की गुहार भी लगाई थी.

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान

उज्ज्वल घोष, उपेंद्र महारथी स्कूल ऑफ आर्ट एंड पेंटिंग स्कूल का 1992 से संचालन कर रहे थे. विगत तीन वर्ष से वह किडनी रोग से ग्रसित थे. उज्जल घोष ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेंटिंग से अपनी पहचान बनाई. सोहराई एवं आदिवासी युक्त कैनवास कला में उन्हें महारत हासिल थी. उज्ज्वल ने कई पुरस्कार प्राप्त किये थे. बीमार रहते हुए भी वह हमेशा अपनी चित्रकारी में लीन रहते थे. उन्होंने महारथी नाम को समर्पित करते हुए “फलक, ट्रेडिशन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स ऑफ झारखंड” एक पुस्तक भी लिखे है.

उज्ज्वल घोष ने हजारीबाग, रांची, देवघर, जमशेदपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, पटना, उज्जैन, ग्वालियर एवं ओडिशा के विभिन्न स्थानों में लगे कैंप एवं प्रदर्शनी में अपने कला प्रदर्शन किया था. कला किरण सहित हजारीबाग के बंगाली समुदाय एवं उनके छात्र छात्राओं में शोक की लहर.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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