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झारखंड के इस गांव में आज भी महिलाएं शौच जाने के लिए करती हैं सूर्यास्त का इंतजार

झारखंड में आज भी ऐसा गांव है जहां की महिलाएं शौच जाने के लिए सूर्योदय से पहले एवं सूर्यास्त का इंतजार करती है. यह गांव रामगढ़ जिला अंतर्गत आता है. सबसे आश्चर्य की बात है कि रामगढ़ झारखंड का पहला खुले में शौच मुक्त जिला घोषित है. इसके बावजूद इस जिले के इस गांव की महिलाओं की स्थिति ऐसी है.

Jharkhand News: रामगढ़ जिला को भले ही साल 2017 में झारखंड का पहला खुले में शौच मुक्त जिला घोषित किया गया, लेकिन गोला प्रखंड में एक ऐसा गांव है, जहां कई लोगों के घरों में शौचालय नहीं बना है. यहां की महिलाएं शौच जाने के लिए आज भी सूर्योदय से पहले एवं सूर्यास्त का इंतजार करती है.

महिलाओं को होती है काफी परेशानी

जानकारी के अनुसार, गोला प्रखंड के पूरबडीह गांव के दलित मुहल्ला के लगभग 70 लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है. जिस कारण आज भी इनके परिवार के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. पुरुष और बच्चे शौच के लिए इधर-उधर चले जाते हैं, लेकिन महिलाओं को खासा परेशानी होती है. बरसात और धनरोपनी के दिन में इनकी स्थिति और भयावह हो जाती है. बीमार लोगों को भी खुले में ही शौच जाना पड़ता है. जिससे संक्रमण का भी खतरा बना रहता है. ग्रामीणों द्वारा कई बार जिला प्रशासन को इस मामले से अवगत कराया गया है, लेकिन इस ओर किसी का कोई ध्यान नहीं गया है. इधर, बताया जाता है कि इस मुहल्ले में चार-पांच लोगों के घर में शौचालय का निर्माण कागजातों पर कर दिया गया है, लेकिन धरातल पर हवा-हवाई है.

स्वच्छता पर देश में बजा है रामगढ़ का डंका

गौरतलब हो कि खुले में शौच मुक्त जिला होने का गौरव झारखंड के रामगढ़ जिला को प्राप्त हुआ था. पूरे देश में रामगढ़ का डंका बजा था. जिला प्रशासन को कई पुरस्कार भी मिले थे. शौचालय के निर्माण और जागरूकता अभियान में करोड़ों रुपये खर्च किये गये थे. इसके बावजूद यहां शौचालय का निर्माण नहीं होना, सवाल खड़ा कर रहा है.

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क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि

जिला परिषद सदस्य जलेश्वर महतो ने कहा कि रामगढ़ जिला परिषद की बैठक में प्रशासन के समक्ष शौचालय नहीं बनाये जाने के मामले को उठाया जाएगा. साथ ही अबतक किस कारण से गांव में शौचालय नहीं बनाया गया है, इसकी भी जांच करायी जाएगी. पंचायत की उप मुखिया फूल कुमारी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इस मुहल्ला में शौचालय नहीं बना है. जबकि प्रशासन द्वारा स्वच्छता में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. इस मामले को पंचायत की बैठक में उठाया जाएगा.

क्या कहती हैं महिलाएं

गांव की राखी कुमारी ने कहा कि मजबूरी में हमलोगों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. हमलोगों को शौच के रूप में सम्मान मिलना चाहिए. वहीं, सीता देवी ने कहा कि हमलोग गरीब परिवार के लोग है. हमलोग अपने से शौचालय नहीं बना सकते है. हममें से कई विधवा है. शौच जाने के लिए सूर्योदय से पहले उठ जाना पड़ता है. बाहर में शौच जाने में शर्म भी आती है. जिरवा देवी का कहना है कि हमलोग प्रतिदिन कमाने-खाने वाले लोग है. इस महंगाई में हमलोग खुद से शौचालय नहीं बना पाएंगे.

रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार, रजरप्पा, रामगढ़.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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