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सिर्फ 500 रुपये में घर लाएं नई इलेक्ट्रिक बाइक, 26 जनवरी से बुकिंग शुरू

68 साल के पीयूष पांडेय ने 1 जनवरी 2024 को बतौर क्रिएटिव ऑफिसर और ओगिल्वी के भारत में कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. काइनेटिक ई-लूना की बुकिंग 26 जनवरी 2024 शुरू की जाएगी. इसे बुक कराने के लिए आपको टोकन मनी के तौर पर केवल 500 रुपये का भुगतान करना होगा.

Kinetic Green e-Luna Booking: काइनेटिक लूना वर्ष 1970-80 के दशक में काफी पॉपुलर बाइक्स में से एक रही है. कंपनी ने साल 1972 में इसे पहली बार बाजार में लॉन्च किया था. साइकिल और मोटरसाइकिल के मिश्रित प्रोडक्ट के तौर पर पेश की यह बाइक इतनी अधिक पॉपुलर हुई कि कंपनी ने इसकी करीब 5 लाख यूनिट्स की बिक्री भारत के बाइक बाजार में की. डिमांड में कमी आने के बाद 21वीं सदी की शुरुआत होते ही कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया था. अब जबकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है, तो काइनेटिक ग्रीन अपने पॉपुलर ब्रांड लूना को इलेक्ट्रिक अवतार में पेश करने जा रही है. इस इलेक्ट्रिक वाहन की बुकिंग 26 जनवरी से शुरू होने जा रही है.

26 जनवरी से बुकिंग शुरू

प्रमुख विज्ञापन पेशेवर पीयूष पांडेय फिलहाल ओगिल्वी में सलाहकार के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस कंपनी के साथ करीब 41 साल तक जुड़े रहने के बाद वे एक बार फिर काइनेटिक ग्रीन के साथ जुड़ गए हैं. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 68 साल के पीयूष पांडेय ने 1 जनवरी 2024 को बतौर क्रिएटिव ऑफिसर और ओगिल्वी के भारत में कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि काइनेटिक ई-लूना की बुकिंग 26 जनवरी 2024 शुरू की जाएगी. इसे बुक कराने के लिए आपको टोकन मनी के तौर पर केवल 500 रुपये का भुगतान करना होगा.

काइनेटिक ई-लूना की लुक

जब यह सवारी पॉपुलरिटी के चरम पर थी, तब इसके निर्माता कंपनी ने एक दिन में इसकी 2000 इकाइयों की बिक्री की. पूरे तीन दशक के दौरान इसके पूरे जीवनकाल में कंपनी ने इसकी करीब 5 लाख से अधिक इकाइयां बेचीं. अब करीब तीन दशक बाद पुणे की काइनेटिक ग्रीन अपने पॉपुलर मोपेड लूना को इलेक्ट्रिक अवतार में लाने की तैयारी में जुट गई है. नए अवतार वाले मॉडल का इंजन और लुक बिल्कुल नया होगा.

काइनेटिक ग्रीन ई-लूना का इंजन

भारत में पहली बार 1972 में बनी काइनेटिक लूना में 2.2 पीएस की पावर और 4.2 एनएम का टॉर्क जेनरेट करने वाला 49सीसी का दो-स्ट्रोक पेट्रोल इंजन था, जो ईंधन खत्म होने पर पैडल के साथ जुड़ा हुआ था. छोटे इंजन का मतलब था कि यह लाइसेंस कानूनों से मुक्त था. उत्सर्जन संबंधी चिंताओं के कारण 2000 के दशक की शुरुआत में चरणबद्ध तरीके से बंद होने से पहले अपने समय में लूना टीवीएस 50 मोपेड को कड़ी टक्कर दे रही थी. टीवीएस ने तब से अपनी मोपेड को टीवीएस एक्सएल100 के रूप में चार-स्ट्रोक अवतार में दोबारा लॉन्च किया था.

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‘चल मेरी लूना’ अभियान

भारत के पॉपुलर सवारी काइनेटिक लूना को इलेक्ट्रिक अवतार में पेश करने के लिए प्रमुख विज्ञापन पेशेवर पीयूष पांडेय ने ‘चल मेरी लूना’ अभियान की दोबारा शुरुआत की है. काइनेटिक लूना जब अपनी पॉपुलरिटी के चरम पर थी, तब उस समय के युवा कॉपीराइटर पीयूष पांडेय ने अपने कैरियर का पहला प्रोजेक्ट साल 1959 में बनी फिल्म ‘चिराग कहां, रोशनी कहां’ के गीत ‘चल मेरे घोड़े टिक टिक टिक’ पर आधारित अभियान ‘चल मेरी लूना’ से की थी. उनके अभियान की टैग लाइन ‘चल मेरी लूना’ और ‘सफलता की सवारी, लूना’ थी. अब वही पीयूष पांडेय ने ई-लूना को पॉपुलर बनाने के लिए एक बार फिर अपने अभियान की शुरुआत की है.

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काइनेटिक ई-लूना की क्या होगी कीमत

इंटरनेट पर काइनेटिक ग्रीन ई-लूना की पहली तस्वीरें ऑनलाइन सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि काइनेटिक ग्रीन ई-लूना की हाईस्पीड 50 किमी प्रति घंटे होगी. फेम-2 स्कीम के तहत इसकी खरीद पर सब्सिडी भी दी जाएगी. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि बाजार में आने के बाद इसकी कीमत करीब 82,000 रुपये के आसपास हो सकती है. वहीं, बाजार में इसका मुकाबला बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर, जावा और येज्दी बाइक के अलावा वेस्पा के स्कूटरों से होगा.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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