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Pitru Paksha 2023: त्रेता युग के बाद से इस गाँव में नहीं दिखे कौवे, जानिए इसके पीछे का रहस्य

Pitru Paksha 2023: ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पितर कौवों के रूप में आसपास मौजूद होते हैं, इसलिए पितृपक्ष के 15 दिन कौवों को खाना खिलाया जाता है. धार्मिक ग्रंथों में पितृ पक्ष के दौरान कौवों को भोजन कराने का विशेष महत्व बताया गया है. कौवों को यम का प्रतीक भी माना गया है

  • पितर कौवों के रूप में आसपास मौजूद होते हैं, इसलिए पितृपक्ष के 15 दिन कौवों को खाना खिलाया जाता है

  • कौवों को यम का प्रतीक भी माना गया है

Pitru Paksha 2023 पितृपक्ष के दौरण लोग अपने पूर्वजों और पितरों कि आत्मा कि शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पितर कौवों के रूप में आसपास मौजूद होते हैं, इसलिए पितृपक्ष के 15 दिन कौवों को खाना खिलाया जाता है. धार्मिक ग्रंथों में पितृ पक्ष के दौरान कौवों को भोजन कराने का विशेष महत्व बताया गया है. कौवों को यम का प्रतीक भी माना गया है

त्रेतायुग के बाद इस गांव में कौआ नहीं

आज हम एक ऐसे गांव की चर्चा कर रहे हैं, जहां त्रेतायुग के बाद से कौवे नहीं दिखाई देते. गांव के निवासियों का कहना है कि जब भगवान राम वनवास के दौरान सरगुजा के रामगढ़ पहुंचे थे, तब उनके छोटे भाई लक्ष्मण पहाड़ों को जोड़ रहे थे, ताकि श्रीलंका सरगुजा के रामगढ़ से स्पष्ट रूप से दिख सके. इसी दौरान, एक कौवा सूरजपुर जिले के पहाड़गांव से रावण को भगवान राम की सूचना देने जा रहा था. तभी लक्ष्मण ने उस कौवे को देख लिया और उसकी आंख में तीर मारा और तब से मान्यता है कि उस समय से गांव में कौवे दिखाई नहीं देते.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, इस गांव में कौवों की कमी का कारण यह माना जाता है कि इस क्षेत्र में पेस्टिसाइड का अधिक उपयोग होता है, इसलिए यहां कौवे नहीं दिखते हैं. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़गांव क्षेत्र की तुलना में सूरजपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में किसानों की खेती पर अधिक निर्भरता है, और वहां इस स्थान की तुलना में पेस्टिसाइड का अधिक उपयोग होता है, फिर भी वहां कौवे सहित सभी पक्षियां दिखाई देती हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़गांव के पहाड़ में आज भी लक्ष्मण के पंज के निशान मौजूद हैं, जिन्हें उन्होंने अपने वनवास के छोड़ा था. इसके अतिरिक्त, ग्रामीण मानते हैं कि लक्ष्मण ने इसी पहाड़ को रामगढ़ के पहाड़ से जोड़ने के लिए यहां एक लकड़ी की टुकड़ी को श्रापित भी किया था.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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