24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद की और ऐसा करते हुए पश्चिमी देशों की आलोचना एवं उनके दबाव की परवाह नहीं की गयी. इसकी वजह यह थी कि हमें कच्चा तेल सस्ती दरों पर मिल रहा था.

विदेश मंत्री एस जयशंकर मोदी सरकार की विदेश नीति को बेबाकी और साफगोई से बयान करने के लिए मशहूर हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्व दृष्टि को नीतिगत रूप देने में केंद्रीय भूमिका निभायी है. बदलती विश्व व्यवस्था में एक ओर जहां खेमेबाजी बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर विकासशील देशों के नेतृत्व के रूप में भारत की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए विश्व को बहुध्रुवीय बनाने तथा व्यापक सहकार बढ़ाने पर हमेशा जोर दिया है. इस संदर्भ में जयशंकर का यह कहना अहम हो जाता है कि वैश्विक संबंधों के लिए नियम और उनका समुचित अनुपालन आवश्यक है. भले ही कोई कदम ऐसा लगे कि यह नैतिकता के मानदंडों के अनुरूप नहीं है, पर उसे व्यापक परिदृश्य में देखा जाना चाहिए. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद की और ऐसा करते हुए पश्चिमी देशों की आलोचना एवं उनके दबाव की परवाह नहीं की गयी. इसकी वजह यह थी कि हमें कच्चा तेल सस्ती दरों पर मिल रहा था. उस समय जयशंकर ने कहा था कि भारत साल भर में जितना तेल रूस से खरीद रहा है, उतना तो यूरोप एक दोपहर में खरीद लेता है. वे यह भी कह चुके हैं कि यूक्रेन संकट के लिए नाटो खेमे की नीतियां जिम्मेदार हैं. दशकों से रूस से सामरिक और आर्थिक संबंधों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सामने कहा था कि यह दौर युद्ध का नहीं है और तनावों का समाधान कूटनीति से होना चाहिए. जल्दी ही पश्चिमी देशों को यह समझ में आ गया कि भारत अपने हितों को ध्यान में रखकर तेल की खरीद कर रहा है.

इसी दौरान क्वाड समूह में भी भारत की सक्रियता बढ़ी है, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी सदस्य हैं. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना भारत की सामुद्रिक नीति का अहम हिस्सा है. क्वाड को लेकर भारत ने अनेक विश्लेषकों की इस चिंता को भी दरकिनार किया है कि इस समूह की सक्रियता से चीन और रूस नाराज हो सकते हैं. भारत ब्रिक्स समूह का भी प्रमुख सदस्य है, जिसमें चीन और रूस का प्रभाव भी है. अब उसमें पांच नये देश जुड़े हैं, जिनमें ईरान भी है. पश्चिम से उसके संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण हैं. विभिन्न मसलों पर भारत ग्लोबल साउथ का मुख्य प्रवक्ता बनकर उभरा है. इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि भारत की दिलचस्पी किसी एक खेमे से जुड़ने में नहीं है और वह समूचे विश्व के साझा विकास का पैरोकार है. जयशंकर की यह बात उचित है कि भारतीय नीति को उसके सभी आयामों को ध्यान में रखकर परखा जाना चाहिए.

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel