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Vedanta Demerger: वेदांता के कारोबार का होगा विभाजन, अनिल अग्रवाल ने पेश की ‘3डी’ रणनीति

Vedanta Demerger: वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कंपनी की 60वीं एजीएम में '3डी रणनीति' की घोषणा की, जिसमें कारोबार का विभाजन, विविधीकरण और कर्ज में कमी शामिल है. इस रणनीति के तहत वेदांता के अलग-अलग व्यवसायों को स्वतंत्र कंपनियों में बदला जाएगा. प्रत्येक शेयरधारक को नई इकाइयों में शेयर मिलेंगे. कंपनी तकनीक क्षेत्र में 1,000 स्टार्टअप्स से साझेदारी की योजना भी बना रही है. यह कदम वेदांता को नवाचार और खनिज क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई देगा.

Vedanta Demerger: वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने गुरुवार को कंपनी की 60वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कारोबार को पुनर्गठित करने और उसका आकार दोगुना करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पेश की है. यह योजना ‘3डी रणनीति’ विभाजन, विविधीकरण और कर्ज में कमी) पर आधारित है.

3डी रणनीति क्या है?

कंपनी की एजीएम में अनिल अग्रवाल ने कहा कि वेदांता की 3डी रणनीति का मकसद कारोबार के आकार को दोगुना करना और हितधारकों को अधिकतम मूल्य देना है. इसके तहत कंपनी अपने प्रमुख व्यवसायों को अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करेगी, जिससे प्रत्येक व्यवसाय को स्वतंत्रता और वृद्धि का बेहतर अवसर मिलेगा.

कारोबार विभाजन की योजना

वेदांता लिमिटेड का पुनर्गठन अब अपने एडवांस स्टेज में है. कंपनी के प्रस्ताव को 99.5% से अधिक शेयरधारकों और लेनदारों का समर्थन प्राप्त हो चुका है. प्रस्ताव के तहत वेदांता के प्रत्येक शेयरधारक को चार नई कंपनियों में से प्रत्येक में एक-एक शेयर मिलेगा. इन नई कंपनियों में कई इकाई शामिल होंगे.

  • एल्युमीनियम इकाई
  • तेल एवं गैस इकाई
  • लोहा एवं इस्पात इकाई
  • जस्ता एवं चांदी इकाई
  • विद्युत क्षेत्र से जुड़ी इकाई

नए अवसर और निवेशकों का भरोसा

विभाजन के बाद हर व्यवसाय को नया फोकस मिलेगा, जो विशेष निवेशकों को आकर्षित करेगा. इससे कारोबार का स्वतंत्र विकास संभव होगा और निवेशकों के लिए पारदर्शिता भी बढ़ेगी. अनिल अग्रवाल ने इसे ‘एक नई शुरुआत’ बताते हुए कहा कि प्रत्येक इकाई में 100 अरब डॉलर का उद्यम बनने की क्षमता है.

तकनीक क्षेत्र में 1,000 स्टार्टअप के साथ साझेदारी

अनिल अग्रवाल ने बताया कि वेदांता अब तकनीक क्षेत्र में भी प्रवेश कर रही है और 1,000 स्टार्टअप कंपनियों के साथ साझेदारी की योजना बना रही है. इस कदम से वेदांता इनोवेशन का वैश्विक केंद्र बन सकती है और भविष्य की तकनीकी कंपनियों को पोषित कर सकेगी.

शॉर्ट सेलिंग रिपोर्ट पर कंपनी का जवाब

वेदांता की एजीएम वायसराय रिसर्च की एक विवादास्पद रिपोर्ट के एक दिन बाद हुई, जिसमें वेदांता रिसोर्सेज को ‘परजीवी’ कहा गया था. रिपोर्ट में समूह पर अस्थिर कर्ज और गलत लेखांकन का आरोप लगाया गया था. वेदांता ने इस रिपोर्ट को बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया.

खनिज क्षेत्र में विस्तार

अग्रवाल ने बताया कि भारत में केवल 25% क्षेत्र में ही खनिजों का अन्वेषण हुआ है, जबकि भूवैज्ञानिक दृष्टि से देश कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की तरह समृद्ध है. वेदांता ने हाल ही में भारत में 10 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक हासिल किए हैं, जो किसी भी निजी कंपनी द्वारा सबसे अधिक हैं.

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भविष्य की योजनाएं

कंपनी दुनिया का पहला औद्योगिक जिंक पार्क और भारत का सबसे बड़ा एल्युमीनियम पार्क भी स्थापित कर रही है. इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी और मजबूत होगी. अनिल अग्रवाल की 3डी रणनीति वेदांता के लिए एक बड़े परिवर्तन का संकेत है. विभाजन, विविधीकरण और कर्ज कम करने की नीति कंपनी को नए मुकाम तक पहुंचा सकती है. तकनीक और खनिज के क्षेत्र में नए अवसर वेदांता को एक वैश्विक लीडर बनाने की दिशा में अग्रसर करेंगे.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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