हरतालिका तीज, मुख्य रूप से महिलाओं का त्योहार है, जो भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष तृतीया के दौरान आता है और पूरे देश में बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. रेड वेल्वेट नामक एक बरसाती कीड़ा होता है. उस कीड़े का रंग गहरा लाल होता है. नेपाल देश में उस कीड़े को तीज के नाम से भी जाना जाता है. जहां सुहागनों के लिए लाल रंग शुभ माना गया है, वहीं इस कीड़े का रंग भी लाल है. हरतालिका दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘हरत’ जिसका अर्थ है हरण और ‘आलिका’ जिसका अर्थ है सखी. किंवदंती है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए गंगा नदी के तट पर कठोर तपस्या की थी. हालांकि, देवी पार्वती के पिता हिमालय ने उन्हें इस हालत में देखकर उनका विवाह भगवान विष्णु से करने का फैसला किया. जब देवी पार्वती ने अपना दुख अपनी सखी के साथ साझा किया, तो उन्होंने उसकी मदद करने का फैसला किया और उनका अपहरण कर लिया.
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VIDEO: क्या है हरतालिका तीज की कहानी, कैसे पड़ा इस त्योहार का नाम ‘Hartalika’
हरतालिका दो शब्दों से मिलकर बना है - 'हरत' जिसका अर्थ है हरण और 'आलिका' जिसका अर्थ है सखी. माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए गंगा नदी के तट पर कठोर तपस्या की थी.
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