सतगावां (कोडरमा) : बिहार की सीमा पर स्थित झारखंड के कोडरमा जिला में एक सड़क दुर्घटना में युवक की मौत के बाद सतगावां में बवाल मच गया. लोगों ने सीआरपीएफ कैंप पर भी पत्थरबाजी कर दी. आगजनी हुई. पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों ने कैंप में घुसकर अपनी जान बचायी. मामला सतगावां प्रखंड के तमोलिया पुल के निकट मंगलवार की है.
सड़क दुर्घटना में 20 वर्षीय राजकुमार उर्फ राजा पिता भगीरथ प्रसाद की मौत के बाद स्थानीय लोग गुरुवार को खुट्टा चौक पर सड़क जाम कर रहे थे. इसी दौरान भीड़ उग्र हो गयी. लोगों ने सुबह में खुट्टा चौक पर जाम किया, तो इसके कुछ देर बाद ही बासोडीह बाजार व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तरफ कूच कर गये.
इसी बीच, उग्र भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने गांगडीह गांव के नजदीक व सीआरपीएफ कैंप के पास संचालित गीता क्लिनिक में तोड़फोड़ शुरू कर दी. पत्थरबाजी व आगजनी की घटना भी हुई. पुलिस प्रशासन के कुछ पदाधिकारी व कर्मी स्थिति पर नियंत्रण नहीं कर पाये. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. सूचना है कि मौके पर दो राउंड फायरिंग भी हुई.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि फायरिंग किसने की. एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने फायरिंग की बात से इन्कार किया है. पूरे मामले को लेकर घटनास्थल घंटों रणक्षेत्र बना रहा. लोगों ने निजी अस्पताल की एक्स-रे मशीन व अन्य सामानों को सड़क पर लाकर फूंक दिया. अस्पताल में भर्ती मरीज व अन्य कर्मियों ने किसी तरह इमरजेंसी दरवाजे से भागकर अपनी जान बचायी.

जानकारी के अनुसार, लोगों ने सुबह में इस बात को लेकर बवाल काटना शुरू कर दिया कि युवक की मौत के लिए स्वास्थ्य महकमा जिम्मेवार है. डॉक्टरों ने सही से इलाज नहीं किया और उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जिससे युवक की मौत हो गयी. लोगों का कहना था कि स्वास्थ्य केंद्र में कोई व्यवस्था नहीं है. रेफर करने पर अधिकतर मरीज की मौत हो जाती है.
आरोप यह भी था कि निजी क्लिनिक में सरकारी डॉक्टर बैठते हैं, लेकिन इस अस्पताल की सेवा नहीं मिली. लोगों ने मरचोई मोड़ बासोडीह के पास करीब एक घंटा तक प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. इस बीच, दर्जन भर पुलिसकर्मियों ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया. बीडीओ वैद्यनाथ उरांव, थाना प्रभारी अरविंद कुमार के बार-बार समझाने के बाबजूद भीड़ और आक्रोशित हो रही थी.
भीड़ बाजार होते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर बढ़ने लगी. सीआरपीएफ कैंप के पास गीता क्लिनिक है. यहां सीआरपीएफ और थाना पुलिस पहले से मोर्चा लेकर तैयार थी. प्रशासन के समझाने के बाद भीड़ पहले वहीं बैठ गयी, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने निजी क्लिनिक पर पत्थरबाजी कर दी. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज किया, तो भीड़ तीतर-बितर हो गयी.
Also Read: झारखंड में सिगरेट पीने, खैनी या गुटखा खाने पर 6 महीने तक की सजा, कोरोना पर ब्रेक लगाने के लिए तंबाकू उत्पाद पर पूर्ण प्रतिबंधकुछ ही क्षणों के बाद भीड़ उग्र होकर प्रशासन पर भारी पड़ गयी. लोगों ने सीआरपीएफ के खड़े वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया. भीड़ को आक्रोशित देख पुलिस, प्रशासन के लोग किसी तरह जान बचाकर कैंप में घुस गये. इसे देखकर भीड़ और उग्र हो गयी. सीआरपीएफ के कैंप पर भी पत्थरबाजी कर दी. कैंप में मौजूद सीआरपीएफ के सिपाहियों ने भीड़ को काबू करने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे.

विवाद के बीच लोगों ने क्लिनिक के अंदर रखी डिजिटल एक्स-रे मशीन, स्वास्थ्य उपकरण, अल्ट्रासाउंड मशीन, मरीजों के बेड व अन्य सामान को सड़क पर ले आये. सभी सामानों को सड़क पर रखकर आग लगा दी. यही नहीं, कुछ लोग क्लिनिक के अंदर घुस गये और तोड़फोड़ की. यहां तक कि क्लिनिक के भवन में भी आग लगा दी गयी. हालांकि, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया. आगजनी में गोदाम में रखी लाखों की दवा जलकर राख हो गयी. आगजनी में अस्पताल संचालक को 20 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है.
घंटों हुई पत्थरबाजी, आगजनी के बीच पहले एसडीओ विजय वर्मा व एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ. कुछ ही देर में एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब भी पहुंच गये. उन्होंने लोगों से बातचीत की. अधिकारियों के समक्ष लोगों ने कहा कि सबसे पहले सतगावां में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त की जाये. सुविधाओं के नाम पर केवल यहां धोखा है.
समाचार लिखे जाने तक आक्रोशित भीड़ में से पुलिस पांच चुनिंदा लोगों को लेकर थाना पहुंची व इनसे मांगों को लेकर विचार करने का भरोसा दिया. इसके बाद किसी तरह मामला शांत हुआ. एसपी ने कहा है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. कुछ लोगों ने आगजनी व पथराव किया है. मामले को लेकर पूरी जानकारी जुटायी जा रही है. इसके बाद विधिसम्मत कार्रवाई होगी. पुलिस की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गयी है.
Posted By : Mithilesh Jha