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West Bengal : काली पूजा, छठ व जगधात्री पूजा के लिए सिटी पुलिस ने गाइडलाइन किया जारी

पश्चिम बंगाल में काली पूजा, छठ व जगधात्री पूजा के लिए सिटी पुलिस ने एक समन्वय बैठक की, जिसमें कई दिशानिर्देश जारी किये गये .24 अक्तूबर को आतिशबाजी का समय रात 8 से 10 बजे तक का रखा गया है.छठ पूजा के दिन स्टीमर से होगी घाटों की निगरानी.

पश्चिम बंगाल में काली पूजा (kali puja), छठ व जगधात्री पूजा के लिए सिटी पुलिस ने एक समन्वय बैठक की, जिसमें कई दिशानिर्देश जारी किये गये. कोलकाता के शरत सदन हॉल में हुई बैठक में डीसी (हेडक्वार्टर) द्युतिमान भट्टाचार्य ने काली पूजा पर ग्रीन पटाखों के ही इस्तेमाल की अपील की. पटाखा खरीदने से पहले मोबाइल में क्यूआर कोड के जरिये पटाखों की सत्यता की जांच कर लें. डीसी ने कहा कि प्रदूषण मुक्त काली पूजा और दिवाली के लिए ग्रीन पटाखे ही उपयुक्त हैं. आतिशबाजी के लिए एक समय सीमा तय है. शहरवासियों से अपील है कि उसके अंदर ही आतिशबाजी करें, ताकि बुजुर्गों और मरीजों को परेशानी ना हो.

24 अक्तूबर को आतिशबाजी का समय रात 8 से 10 बजे

डीसी ने कहा कि 24 अक्तूबर को आतिशबाजी का समय रात आठ से 10 बजे तक रहेगा. तय समय के बाद आतिशबाजी की शिकायत मिलने पर पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी. काली पूजा आयोजकों से कहा गया है कि 28 अक्तूबर तक प्रतिमाओं का विसर्जन कर लिया जाये. विसर्जन के समय आयोजक जेनरेटर व डीजे नहीं बजायेंगे. पूजा आयोजकों को पंडाल में सीसीटीवी कैमरे और अग्निश्मन व्यवस्था करने को कहा गया है. पूजा के दौरान शहर में मालवाही गाड़ियों के प्रवेश पर रोक है.

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छठ पूजा के दिन स्टीमर से होगी घाटों की निगरानी

डीसी ने कहा कि 30 व 31 अक्तूबर को छठ पूजा है. सिटी पुलिस के अधीन सभी बड़े व छोटे घाटों पर पुलिस, आपदा प्रबंधन समूह, सिविक वॉलंटियर तैनात रहेंगे. इसके अलावा सिटी पुलिस के अधिकारी स्टीमर से सभी घाटों का निरीक्षण करेंगे. नदी में बैरिकेडिंग होगी. जिन घाटों पर भीड़ अधिक उमड़ती है, वहां गोताखोर को भी मुस्तैद रहेंगे.

सित्रांग को लेकर किया अलर्ट

बैठक में बिजली विभाग के अधिकारियों ने पूजा आयोजकों से चक्रवात सित्रांग को लेकर अलर्ट रहने को कहा. बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगर भारी बारिश होती है, तो वह पूरी तरह सतर्क रहें. संभव हो सके, तो मेन स्विच ऑफ कर दें. किसी भी हालत में तार को खुला ना छोड़ें.

दमकल विभाग की सलाह, फानूस ना जलायें

समन्वय बैठक में दमकल विभाग के अधिकारी ने कहा कि कालीपूजा व दिवाली के दिन सबसे अधिक आग लगने की घटना होती है. हमलोग अगर सावधानी बरतें, तो अग्निकांड की घटना को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि आग लगने का मुख्य कारण फानूस है. जलती हुई हालत में फानूस आसमान से उड़ते हुए बिजली की तार या कच्चे मकानों में गिरता है और आग लग जाती है.

मुख्य बातें

  • कालीपूजा के दिन यानी 24 अक्तूबर को आतिशबाजी के लिए समय: रात आठ से 10 बजे तक

  • छठ पूजा के दिन यानी 31 अक्तूबर को आतिशबाजी के लिए समय : सुबह छह से आठ

  • विसर्जन के दौरान जेनरेटर और डीजे पर प्रतिबंध

  • चक्रवाती तूफान सित्रांग को लेकर पूजा आयोजकों को अलर्ट रहने का निर्देश

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Prabhat Khabar Digital Desk
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