हजारीबाग से अलग होकर पहली बार कोडरमा सीट 1977 में अस्तित्व में आया. कोडरमा लोकसभा में कुल 6 विधानसभा है. जिसमें 3 सीटों पर बीजेपी के विधायक, 1 पर निर्दलीय, एक सीट माले के खाते में तो 1 पर जेएमएम का कब्जा था. हालांकि गांडेय सीट पर डॉ सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद यह सीट अभी खाली है. अपने माइके के लिए प्रसिद्ध कोडरमा में कुल वोटरों की संख्या 12,09,541 है. देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना भी कोडरमा में ही हुइ थी.
अगर इस लोकसभा सीट के राजनीतिक इतिहास पर एक नजर डाले तो पहली समझ में ये बीजेपी की पारंपरिक सीट लगेगी. 1977 से अबतक इस सीट पर बीजेपी ने 6 बार जीत हासिल की है. वहीं, कांग्रेस ने दो बार और जेवीएम ने एक बार यह सीट जीती है. झारखंड के तमाम हाई प्रोफाइल सीट में एक कोडरमा भी आता है. वजह है झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मंराडी. वह 2004 में बीजेपी, 2006 के उपचुनाव में निर्दलीय और 2009 में झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर लगातार तीन बार सांसद चुने गए. लेकिन 2019 के आम चुनाव में उन्हें बीजेपी की अन्नपूर्णा देवी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था. तीन बार के सांसद और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को बीजेपी सांसद ने 4,55,600 वोटों से हराया था. हालांकि अब जेवीएम का विलय भाजपा में कर दिया गया है.
लेटेस्ट वीडियो
Loksabha election 2024: छाप या छवि, इस बार कोडरमा में किसकी होगी जीत?

कोडरमा लोकसभा सीट पर इस बार छाप बनाम छवि की लड़ाई देखने को मिलेगी. एक तरफ माले विधायक विनोद सिंह हैं तो दूसरी तरफ कोडरमा की वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी है.
By Raj Lakshmi
By Raj Lakshmi
Raj Lakshmi
Reporter with 1.5 years experience in digital media.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए