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Afghanistan: 2022 में अफगानिस्तान में अफीम की खेती 32 फीसदी बढ़ी, UN के सर्वे में सामने आई जानकारी

Afghanistan: अफगानिस्तान में अफीम की खेती पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत बढ़कर 233,000 हेक्टेयर हो गई है. यूएनओडीसी के सर्वे रिपोर्ट यह जानकारी सामने आई है.

Afghanistan: अफगानिस्तान में अफीम की खेती करने वालों के लिए वर्ष 2022 बेहतर रहा है. दरअसल, अफीम की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इसकी खेती करने वालों को लाभ मिला है. ड्रग्स एंड क्राइम पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के एक नए शोध में यह जानकारी सामने आई है.

अप्रैल में अफीम की खेती पर लगाया गया था प्रतिबंध

तालिबान के शासन के बाद से अफगानिस्तान में अफीम की अवैध खेती पर आधारित अर्थव्यवस्था पर पहली रिपोर्ट है. बताते चलें कि अफगानिस्तान में अप्रैल, 2022 में अफीम समेत सभी नशीले पदार्थों की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. वहीं, इस साल की फसल को बड़े पैमाने पर डिक्री से छूट दी गई थी और अफगानिस्तान में किसानों को अब अगले साल के लिए अफीम पोस्त लगाने का फैसला करना होगा. इस बारे में अनिश्चितता के बीच कि वास्तविक अधिकारी प्रतिबंध को कैसे लागू करेंगे.

अफगानिस्तान में बेरोकटोक जारी है अफीम की तस्करी

यूएनओडीसी ने कहा कि अफगानिस्तान के किसान अवैध अफीम की अर्थव्यवस्था में फंस गए हैं. अफगानिस्तान के आसपास जब्ती की घटनाओं से पता चलता है कि अफीम की तस्करी बेरोकटोक जारी है. सर्वे के शुरुआत पर निदेशक घडा वैली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगान के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए. साथ ही दुनिया भर के देशों में हेरोइन की तस्करी और लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले आपराधिक समूहों को रोकने के लिए प्रयास तेज करना चाहिए.

अफीम की खेती पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत बढ़ी

यूएनओडीसी के निष्कर्षों के अनुसार, अफगानिस्तान में अफीम की खेती पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत बढ़कर 233,000 हेक्टेयर हो गई है. अफीम की खेती देश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में केंद्रित रही है, जो कुल क्षेत्रफल का 73 प्रतिशत हिस्सा था और यहां सबसे बड़ी फसल वृद्धि देखी गई. हिलमंड प्रांत में कृषि योग्य भूमि का पांचवां हिस्सा अफीम पोस्त को समर्पित था.

प्रतिबंध की घोषणा के बाद अफीम की बढ़ी कीमतें

अप्रैल में खेती पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद से अफीम की कीमतें बढ़ गई हैं. किसानों को अफीम की बिक्री से होने वाली आय तीन गुना से अधिक हो गई है. 2022 की शुरुआत में सूखे के बाद अफीम की पैदावार 2021 में औसतन 38.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर से घटकर इस वर्ष अनुमानित 26.7 किग्रा प्रति हेक्टेयर हो गई, जिसके परिणामस्वरूप 6,200 टन फसल हुई. जो 2021 की तुलना में 10 प्रतिशत छोटा है. 2022 की फसल को निर्यात गुणवत्ता के 350-380 टन हेरोइन में 50-70 प्रतिशत शुद्धता पर परिवर्तित किया जा सकता है. UNODC के ड्रग्स मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म द्वारा एकत्र की गई जब्ती की घटनाओं से पता चलता है कि अगस्त 2021 से अफगानिस्तान से अफीम की तस्करी बिना किसी रुकावट के चल रही है.

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Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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