Australian Rocket Crashes: ऑस्ट्रेलिया की पहली घरेलू रूप से डिजाइन और निर्मित ऑर्बिटल रॉकेट “Eris” बुधवार को लॉन्च के महज 14 सेकेंड बाद ही क्रैश हो गया. यह लॉन्च क्वींसलैंड राज्य के बोवेन कस्बे के पास बने एक स्पेसपोर्ट से किया गया था. हालांकि रॉकेट ने लॉन्च टावर को सफलतापूर्वक पार किया, लेकिन कुछ ही क्षणों में वह हवा में स्थिर हो गया और फिर नीचे गिरकर गायब हो गया. घटना का वीडियो सामने आया है जिसमें रॉकेट को ऊंचाई की ओर बढ़ते और फिर धुएं के गुबार के साथ नीचे गिरते देखा जा सकता है. गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ है.
Australian Rocket Crashes: कंपनी ने फ्लाइट को “सफल परीक्षण” बताया
रॉकेट लॉन्च करने वाली कंपनी Gilmour Space Technologies ने इस फ्लाइट को एक “सफल परीक्षण” बताया है. कंपनी के मुताबिक, चारों हाइब्रिड इंजन सफलतापूर्वक प्रज्वलित हुए और 23 सेकेंड तक इंजन का बर्न टाइम दर्ज किया गया हालांकि रॉकेट की कुल उड़ान अवधि सिर्फ 14 सेकेंड रही. Gilmour Space के सीईओ एडम गिलमोर ने लिंक्डइन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बेशक मैं चाहता था कि उड़ान थोड़ी लंबी होती, लेकिन मैं इस परिणाम से संतुष्ट हूं कि रॉकेट लॉन्चपैड से ऊपर उठ सका.
TestFlight1 — Liftoff 🚀
— Gilmour Space (@GilmourSpace) July 30, 2025
Today, Eris became the first #AustralianMade orbital rocket to launch from Australian soil — ~14s of flight, 23s engine burn.
Big step for 🇦🇺 launch capability. Team safe, data in hand, eyes on TestFlight 2.
(More pics and vids to come from the media.) pic.twitter.com/l9yPSUAIbR
यह उड़ान कई बार स्थगित हो चुकी थी. मई और जुलाई की शुरुआत में तकनीकी खामियों और खराब मौसम के कारण लॉन्च को टालना पड़ा था. इस बार भी रॉकेट पूरी तरह से कक्षा में नहीं पहुंच पाया, लेकिन कंपनी ने इसे पहली कोशिश में महत्वपूर्ण उपलब्धि माना है.
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Australian Rocket Crashes in Hindi: लॉन्च साइट की इंफ्रास्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा
Gilmour Space Technologies को इस रॉकेट के विकास के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से 5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 3.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की ग्रांट भी मिली है. इससे पहले 2023 में कंपनी को 52 मिलियन डॉलर की सरकारी सहायता भी दी गई थी, ताकि देश में स्पेस टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा मिल सके. फिलहाल लॉन्च साइट की इंफ्रास्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, और कंपनी इसे अपने भविष्य के अभियानों के लिए सकारात्मक संकेत मान रही है.
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